टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा, 'इन टोल प्लाजा पर ज्यादातर कमर्शियल गाड़ियां आती हैं। ये गाड़ियां निजी वाहनों की तुलना में ज्यादा टोल देती हैं। इसलिए ये प्रोजेक्ट निजी कंपनियों के लिए फायदेमंद होती हैं।' FASTag के आने से टोल संग्रह में पारदर्शिता आई है और टोल प्लाजा पर लगने वाला समय भी कम हुआ है। इससे यात्रियों को भी सुविधा हुई है और सरकार की कमाई भी बढ़ी है।