राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने काशी में कहा-औरंगजेब को आदर्श न मानने वाले भारतीयों का संघ में स्वागत है। शाखा में शामिल होने वाले सभी लोग भारत माता की जय बोलें और भगवा ध्वज के प्रति सम्मान प्रकट करें। उन्होंने कहा- भारतीयों का रहन-सहन, पूजा पद्धति अलग हो सकती है, लेकिन संस्कृति एक है। भागवत रविवार सुबह मलदहिया में संघ की शाखा में शामिल हुए। वहां स्वयं सेवकों के सवालों के जवाब दिए।
इससे पहले, 30 मार्च को नागपुर में PM मोदी ने भागवत से मुलाकात की थी। अपनी 5 दिवसीय काशी यात्रा में भागवत ने हिंदुत्व पर संदेश दिया। कहा- हिंदू समाज के सभी पंथ, जाति, समुदाय साथ आएं। श्मशान, मंदिर और पानी सब हिंदुओं के लिए एक होना चाहिए। इसमें भेदभाव क्यों ?
दौरे के पहले दिन भागवत ने IIT-BHU के 94 आईआईटीयन और 28 प्रोफेसर के साथ करीब 45 मिनट बात की। इस दौरान उन्हा कहा- आप लोग समय निकालकर गांव की तरफ जरूर जाएं। हम उत्तर प्रदेश की सभी 58 हजार ग्राम पंचायतों में शाखाएं लगवाने की तैयारी कर रहे हैं।
1- हिंदुओं को जाति में बंटना नहीं चाहिए संघ का मानना है कि महाकुंभ के बाद हिंदुत्व को उभार मिला। 45 दिन में जिस तरह से 66.23 करोड़ लोग पहुंचे। ऐसा लगा कि महाकुंभ ने हिंदुओं की सभी जातियों को एक सूत्र में पिरोया। यह एक हिंदू पुनर्जागरण जैसा भाव देकर गया है।
अब संघ चाहता है कि हिंदू दोबारा जातियों में बंटा हुआ न दिखे। सनातन को मजबूत करने के लिए उन्होंने पानी, मंदिर और श्मशान एक करने का मैसेज दिया। भागवत ने आईआईटी छात्रों से कहा- समाज में बड़ी विघटनकारी शक्तियां सक्रिय हैं। समाज को बांटने के लिए एक बड़ा बौद्धिक वर्ग भी सक्रिय है। इसके खिलाफ सभी को आगे आना होगा।
2- गांवों में संघ को बढ़ावा देना मोहन भागवत काशी के अलावा मिर्जापुर, गाजीपुर, सोनभद्र भी गए। यहां संघ के अभियानों पर नए स्वयंसेवकों से बात की। उन्हें प्रदेश की सभी 58 हजार ग्राम पंचायतों तक पहुंचने का गुरुमंत्र दिया। उन्होंने शिक्षकों और छात्रों से कहा- आप संघ को ज्यादा समय दें। हमें गांव में शाखाएं शुरू करनी हैं, कई जगह हो भी रही हैं। वहां पंच प्रण यानी सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण की रक्षा, स्वदेशी भावना को बढ़ाना है। इससे हम उत्तम नागरिक का निर्माण कर सकते हैं। इनको जीवन में व्यावहारिक रूप से उतारने की जरूरत है।
3- गांव से लेकर शहर तक पढ़े-लिखे युवाओं को संघ से जोड़ना
भागवत ने बौद्धिक सम्मेलन में युवाओं से बातचीत में साफ मैसेज दिया कि अब हमें संघ से ज्यादा से ज्यादा संख्या में युवाओं को जोड़ना है। इसके लिए स्कूल, कॉलेज, IIT और IIM जैसे बड़े संस्थानों तक संघ की सोच और संगठन के बारे में जानकारी पहुंचानी पड़ेगी। मोहन भागवत ने काशी और गोरखपुर दोनों प्रांतों के पदाधिकारियों से कहा- गांव में भी जो सबसे पढ़े-लिखे युवा हों, उन्हें संगठन से जोड़िए और क्षेत्र का चेहरा बनाइए। जातीय और सामाजिक असमानता सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में दिखाई देती है।
अगर हम हर गांव में 100 युवा संघ की विचारधारा के साथ तैयार कर पाएंगे तो वे जातीय और अन्य सामाजिक असमानताओं को दूर करने में अहम भूमिका अदा करेंगे।
4- 2027 से पहले ‘BJP-संघ एक हैं’ का मैसेज देना PM मोदी ने अपने नागपुर दौरे में स्वयंसेवकों की प्रयागराज के महाकुंभ मेले में भूमिका की सराहना की। कुछ ऐसा ही काशी में CM योगी के दौरे में नजर आया। जब उन्होंने कहा- अयोध्या के मंदिर के पीछे संघ की अहम भूमिका रही। मोहन भागवत ने भी काशी में रहते हुए हिंदुत्व पर जो भी संदेश दिए, वो वहीं हैं जो BJP के कोर एजेंडे में रहते हैं।
इन सबसे इतना साफ है कि मोदी समझ रहे हैं, संघ से इतर नहीं जा सकते। संघ भी यह समझ रहा है कि हिंदुत्व की बहती हवा में वह BJP से अलग खड़ा नहीं रह सकता। यही वजह है, काशी के बाद 7 अप्रैल को मोहन भागवत लखनऊ में रहेंगे। 8 अप्रैल को कानपुर जाएंगे। यहां भी जातियों में बंटे समाज को एक करने की कोशिश करेंगे। 30 अप्रैल को एक बार फिर वह काशी आएंगे। यहां होने वाले सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल होंगे।
काशी विश्वनाथ मंदिर में 15 मिनट पूजा की मोहन भागवत 5 अप्रैल की सुबह काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने विधि-विधान से 15 मिनट मंत्रोच्चार के बीच बाबा का दर्शन-पूजन और अभिषेक किया। मंदिर न्यास के पदाधिकारियों के साथ भागवत ने बाबा धाम की भव्यता देखी। उनसे धाम में चल रही सभी व्यवस्थाओं के बारे में बातचीत की।