गांधीनगर | वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन के प्रारंभ में केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने स्वागत करते हुए कहा कि भारत के प्रधानमंत्री, मॉरीशस के प्रधानमंत्री तथा WHO के महानिदेशक की उपस्थिति में आयुष के इतिहास की सबसे बड़ी तथा प्रथम वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार सम्मेलन 2022 का आयोजन हुआ है। हम सभी सौभाग्यशाली है कि इसका हिस्सा बन पाए हैं। केंद्रीय आयुष मंत्री ने कहा कि आयुष प्रणालियों में उद्यमिता तथा व्यवसाय विकास की व्यापक संभावनाएँ हैं। स्वास्थ्य, रोग तथा लागत प्रभावशीलता के लिए अपने समग्र दृष्टिकोण के आधार पर यह बीमारी की प्राथमिक रोकथाम के साथ स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने का आधार बन जाता है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश के अनुरूप नीतियों तथा कार्यक्रम के चलते देश के अंदर और समग्र विश्व में विकसित हो रहे स्वास्थ्य देखभाल, वितरण प्रणाली के दृष्टिकोण को संरक्षित करने तथा बढ़ावा देने पर हमें गर्व है। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय उद्योग के क्षेत्र में विकास देख रहा है। जो वर्ष 2014 में 3 बिलियन डॉलर से बढ़कर इस समय 18.1 बिलियन डॉलर से अधिक पहुँच गया है। भारत वैश्विक स्तर पर करीब 150 देशों में 10.45 करोड़ किलोग्राम हर्बल तथा आयुष उत्पादों का निर्यात कर रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में आयुष मंत्रालय की ओर से इस बारे में कई पहल की है। आयुष मंत्रालय तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय (MSME) आयुर्वेद एवं अन्य पारंपरिक दवाईयों के व्यापारियों के बीच उद्यमिता विकसित कर रहा है, जिसमें डिग्री धारक, दवा निर्माता और किसान शामिल है। आयुष मंत्रालय ने MSME के साथ मिलकर उद्यमिता विकास कार्यक्रम भी विकसित किया है, जिससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘स्टार्टअप इंडिया’ की पहल के अनुरूप युवा उद्यमियों को आयुष में स्टार्टअप स्थापित करने हेतु प्रेरित किया जाता है। केंद्रीय आयुष मंत्री ने गौरव के साथ कहा कि आयुष प्रणाली अर्थात् आयुर्वेद को नेपाल, श्रीलंका, मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात (युएई), बांग्लादेश, क्यूबा, कोलम्बिया, स्विट्जरलैंड, दक्षिण अफ्रीका के साथ-साथ अन्य देशों में मान्यता मिली है। इसके अलावा, कई लैटिन अमेरिकी और यूरोपीय देश इस प्रणाली को अपनाने पर सक्रिय रूप से विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि GAIIS- 2022 के द्वारा व्यवसाय के अवसरों के बारे में हितधारकों में जागृति पैदा करना, युवा उद्यमियों से इस क्षेत्र में व्यवसाय के विकास में नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने और विश्व स्तर पर अवसरों को बढ़ाने की अपेक्षा की जाती है। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में हुई चर्चाओं के द्वारा युवा उद्यमियों को आयुर्वेद के क्षेत्र में व्यापार के साथ-साथ विकास से संबंधित विभिन्न संभावनाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी।
इस तीन दिवसीय सम्मेलन में करीब 90 प्रतिष्ठित वक्ताओं तथ 100 प्रदर्शकों की उपस्थिति के साथ पांच पूर्ण सत्र, आठ राउंड टेबल, 6 कार्यशालाएँ और दो संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। यह सम्मेलन निवेश की संभावनाओं को उजागर करने में मदद करेगा तथा नवाचार, अनुसंधान, विकास, स्टार्टअप इकोसिस्टम तथा वेलनेस उद्योग को बढ़ावा देगा। जो उद्योग के नेताओ तथा विद्वानों को एक साथ लाने में मदद करेगा और भविष्य में सहयोग के लिए एक प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करेगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आयुष एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल, आयुष मंत्रालय की पुस्तिका, पोर्टल, आईसीटी इनिशियेटीव ऑफ मिनिस्ट्री ऑफ आयुष के अंतर्गत आयुष इन्फोर्मेशन हब, आयुष GIS, आयुष नेक्स्ट तथा आयुष सॉफ्टवेयर का लोकार्पण किया। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री महेन्द्र मुंजपरा, राज्य मंत्री मंडल के सदस्यगण, सांसदगण, विधायकगण, विभिन्न देशों के राजदूत, मुख्य सचिव पंकज कुमार, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के. कैलासनाथन सहित राज्य के उच्च अधिकारीगण, स्वास्थ्य-आयुष मंत्रालय (WHO) के अधिकारीगण, आयुर्वेदाचार्य उपस्थित थे। इसके अलावा समग्र भारत के 750 से अधिक आयुर्वेद कॉलेज के छात्रों ने इस कार्यक्रम को लाइव देखा।