नई दिल्ली। लगातार बारिश से असम और बिहार में को बाढ़ से स्थिति और भयावह हो गयी। जल ग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के कारण उत्तर बंगाल में तीस्ता, कलजानी और मनसाई समेत कई नदियां उफान पर हैं। असम में ब्रह्मपुत्र नदी डिब्रूगढ, धुबरी और गोलपाड़ा में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य के 33 में से 26 जिलों में 28.32 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। चार और लोगों की मौत के बाद राज्य में बाढ़ से मृतकों की संख्या 93 हो गई है। बिहार में भी 7.65 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। नेपाल के साथ लगी सीमा के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, खगड़िया और गोपालगंज जिले बाढ़ से प्रभावित हैं।
असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और कहा कि वह केंद्र से समस्या का स्थायी समाधान निकालने का अनुरोध करेंगे। मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने भी दरांग और कामरूप जिलों में प्रभावित इलाके का दौरा किया। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने एक बुलेटिन में बताया कि बोंगाइगांव, कोकराझार, मोरिगांव और गोलाघाट जिले में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। बिहार में एनडीआरएफ की 13 और एसडीआरएफ की आठ टीमें बचाव अभियान में जुटी हुई है। इसके तहत 36,448 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इसबीच यूनिसेफ का अनुमान है कि देश में हालिया बाढ़ से 24 लाख से ज्यादा बच्चे प्रभावित हुए हैं। यूनिसेफ ने एक बयान में कहा, भारत में बिहार, असम, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, केरल, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल में 24 लाख बच्चों सहित साठ लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। यूनिसेफ ने कहा है कि इन क्षेत्रों में बच्चों के समक्ष पैदा चुनौतियों के समाधान के लिए तुरंत मदद, अधिक संसाधन और नए कार्यक्रम चलाने की जरूरत है।
पवन सोनी