चंडीगढ़ । अमृतसर में सेना की कार्रवाई ऑपरेशन ब्लू स्टार की 38 वीं बरसी पर शहर में सोमवार को अलगाववादी संगठनों ने बंद का आह्वान किया है। इसके मद्देनजर पूरे शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, जगह-जगह नाकेबंदी की गई है और स्थानीय पुलिस सहित पैरामिलिट्री के
7000 जवान तैनात किए गए हैं। इस मौके पर भारी संख्या में संगत गोल्डन टेंपल पहुंची हैं। घल्लूघारा दिवस को समर्पित श्री अखंड पाठ साहिब के भोग भी डाले जाएंगे। अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह कौमी संदेश जारी करेंगे।
अमृतसर प्रशासन ने 1 जून से 10 जून तक लाइसेंसी हथियारों पर भी पाबंदी लगा दी है। यानी कोई भी शख्स अपने लाइसेंसी हथयारों के साथ पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
स्वर्ण मंदिर के आसपास के इलाके में सोमवार को किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने और उपद्रवियों पर लगाम लगाने के लिए भारी बैरिकेडिंग की गई है। आपको बता दें कि भारतीय सेना ने जून
1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में छिपे आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था।
रविवार को जब एक अलगाववादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने मार्च निकाला, तो महिला पुलिसकर्मियों सहित सैकड़ों पुलिसकर्मियों को मार्च के रास्ते में तैनात किया गया था। मार्च लॉरेंस रोड से शुरू होकर अकाल तख्त पर खत्म होना था। इस अवसर को चिह्नित करने के लिए संगठन ने 6 जून को बंद का आह्वान भी किया था।
घल्लूघारा दिवस के मद्देनजर पुलिस ने एहतियात के तौर पर अमृतसर में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी है। उधर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार की 38 वीं बरसी पर अमृतसर शहर को छावनी में तब्दील करने के लिए राज्य सरकार की निंदा की है। उन्होंने कहा कि ऐसा करके सरकार डर का माहौल पैदा कर रही है, जबकि यह दिन सिख कौम (समुदाय) के लिए बहुत गंभीर और दर्दनाक है। हर साल घल्लूघारा दिवस पर कौम अपने शहीदों को याद करने के लिए इकट्ठा होती है और इसलिए सरकार को इस अवसर को भयावह नहीं पेश करना चाहिए।