नई दिल्ली ।आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि अग्निवीर, युवाओं को बेरोजगार करने के साथ देश से गद्दारी करने की योजना है। पीएम नरेंद्र मोदी के क़रीबी पूंजीपतियों ने देश का 10.50 लाख करोड़ रुपए लूट लिया। अगर इनको पकड़ लें तो इतना पैसा मिल जाएगा कि 20 साल तक जवानों को तनख्वाह दे सकते हैं। पीएम मोदी के मित्र मेहुल चौकसी 20 हजार करोड़, विजय माल्या 10 हजार करोड़, नितिन संदेशरा 6 हजार करोड़ और ललित मोदी करीब 2800 करोड़ लूटकर भाग गए। जबकि बेरोजगार नौजवानों को 20 साल तक तनख्वाह देने का खर्चा 30 हजार करोड़ तक ही आएगा।
देश में अडानी, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी के लिए आर्थिक संकट नहीं है बल्कि भारतीय सेना और भारत की सुरक्षा के लिए आर्थिक संकट है। उन्होंने कहा कि सेना में भर्ती होने वाले जवानों को 1 साल की ट्रेनिंग देने का नियम है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस प्रशिक्षण को घटाकर 6 महीने कर दिया है। क्या यह भारत की सुरक्षा से समझौता नहीं है? भाजपा के केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी कह रहे हैं कि जवानों को बाल काटने, इलेक्ट्रिशियन, धोबी की ट्रेनिंग दी जाएगी।
इस तरह भाजपाइयो सेना का इतना अपमान मत करिए। भाजपा नेता किशन रेड्डी और कैलाश विजयवर्गीय ने मेरी बातों को सही साबित किया है। नरेंद्र मोदी सरकार की यह योजना निजी कंपनियों के लिए सिक्योरिटी गार्ड बनाने की है। यदि अग्निवीर इतनी अच्छी योजना है तो पीएम मोदी, अमित शाह, रक्षा मंत्री, केंद्रीय मंत्री और भाजपा के सांसद-विधायक अपने बेटों-भतीजों को अग्नि योजना में भेजें
जब 4 साल के बाद कटोरा लेकर गली-गली में भीख मांगेंगे, तब इनको नौजवानों को दर्द समझ में आएगा। राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी का सड़क पर आंदोलन चल रहा है। सदन शुरू होते ही इस मामले को संसद के अंदर मजबूती से उठाएंगे। यह योजना वापस होनी चाहिए। नौजवानों के गुस्से के साथ खिलवाड़ मत कीजिए। जिस तरह इन्होंने नरेंद्र मोदी को कंधे पर बिठाकर सत्ता के शिखर तक पहुंचाया है, वैसे ही वोट की ताकत से जमींदोज करने का काम करेंगे।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने आज पार्टी मुख्यालय में महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। संजय सिंह ने कहा कि अग्निवीर योजना के खिलाफ पूरे देश में नौजवानों का आंदोलन चल रहा है। उनका आक्रोश पूरे देश में देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश से भारी संख्या में नौजवान सेना में भर्ती होते हैं, वो इस निर्णय को लेकर आक्रोशित हैं।
पिछले दो-तीन दिनों से सेना के तमाम पूर्व अधिकारियों का बयान आए। देश के रक्षा विशेषज्ञों के बयानों को सुनने के बाद ही ऐसा लगता है कि ये सिर्फ नौजवानों को बेरोजगार बनाने की योजना नहीं है बल्कि भारत माता की सुरक्षा के साथ समझौता, गद्दारी करने की नरेंद्र मोदी की योजना है। यह भारत की सेना, भारत की गौरव के साथ गद्दारी है। यह गद्दारी भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार कर रही है।
रक्षा विशेषज्ञ पीके सहगल सहित बड़े-बड़े पदों पर रहे सेना के कई पूर्व अधिकारियों का बयान मैंने सुने हैं। वह कह रहे हैं कि किसी बड़े ऑपरेशन के लिए हमें 6 से 8 साल सेना में सेवाएं देने वाले मजबूत जवान की जरूरत होती है। किसी बड़े ऑपरेशन में न्यूनतम 5 साल तक सेना में अपनी सेवा दे चुके जवान को लगाया जाता है। नए जवानों को पीछे रखा जाता है और जो ट्रेंड जवान होते हैं उनको आगे रखा जाता है। विदेशों में भी अगर कोई शांति सेना भेजनी है तो 5 साल तक सेना में सेवाएं दे चुके होते हैं उनको भेजा जाता है।
-सेना में भर्ती होने वाले जवानों को 1 साल की ट्रेनिंग देने का नियम
उन्होंने कहा कि कोई जवान अगर आज सेना में भर्ती होता है तो उसको 1 साल की ट्रेनिंग देने का नियम है। नरेंद्र मोदी ने इस प्रशिक्षण को घटाकर 6 महीने कर दिया। सेना में जवान जो 1 साल के कठिन परिश्रम के साथ दुश्मन देशों से लड़ने के लिए तैयार किया जाता है, उसे 6 महीने में ही तैयार किया जाएगा। पीएम मोदी बताएं कि क्या यह दुश्मन देशों के साथ भारत की सुरक्षा से समझौता नहीं है। क्या यह भारत की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं है। अगर दुश्मन देश हमारे ऊपर आक्रमण करता है तो हमें प्रशिक्षित सेना के मजबूत जवान चाहिए या प्राइवेट कंपनी के लिए लाई गई 6 महीने की अस्थाई योजना के तहत तैयार जवान चाहिए। इसका जवाब देश आपसे जानना चाहता है।
भारत माता की सुरक्षा के साथ आपने समझौता क्यों किया।
सासंद संजय सिंह ने कहा कि आप पैसे की दलील देते हैं। क्या भारत माता की रक्षा के लिए पैसों की दलील दी जाएगी। देश के जवानों के लिए पैसों का अभाव हो गया है। लेकिन अपने मेहुल भाई, नीरव मोदी, ललित मोदी, विजय माल्या सहित अन्य के लिए आर्थिक संकट नहीं है। हर साल अगर 46 हजार नौजवान सेना में भर्ती हो रहे हैं। उनको 30 हजार रुपए की तनख्वाह आप देते हैं तो 138 से 150 करोड़ रुपए का भार हर साल आएगा। अगर आप 20 साल तक तनख्वा देते रहे तो 30 हजार करोड रुपए का भार आएगा।
तनख्वाह बढने पर भी 40 हजार करोड रुपए का भार आएगा। हर साल 55 हजार सैनिक रिटायर होते हैं। 46 हजार आप रखने जा रहे हैं, उसमें भी हर साल करीब 9 हजार सैनिक कम हो रहे हैं। आप पर अतिरिक्त भार कहां पड़ रहा है। इन 46 हजार को आप 30 हजार रुपए तनख्वाह दे रहे हैं तो 20 साल में अधिकतम 32 हजार करोड का भार आएगा। जबकि मेहुल चौकसी 20 हजार करोड़, विजय माल्या 10 हजार करोड़, नितिन संदेशरा 6 हजार करोड, ललित मोदी 2800 करोड लूटकर भाग गया। देश के चंद पूंजीपतियों ने देश का 10.50 लाख करोड़ रुपए लूट लिया जो आपके करीबी पूंजीपति हैं। ऐसे में क्या भारत माता की सुरक्षा, भारत की सेना के साथ गद्दारी करेंगे।