मणिपुर के चंदेल जिले में गुरुवार को असम राइफल्स और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए। भारत-म्यांमार बॉर्डर पर सेना का सर्च ऑपरेशन जारी है।
सेना की ईस्टर्न कमान ने बताया- 14 मई को न्यू समताल गांव के पास उग्रवादियों की गतिविधि की जानकारी मिली थी। इसके बाद असम राइफल्स की यूनिट ने सर्च ऑपरेशन चलाया।
इसी दौरान उग्रवादियों ने जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में 10 उग्रवादी मारे गए। इनके पास से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुए हैं।
इधर, सुरक्षाबलों ने मणिपुर के 4 जिलों में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों से जुड़े सात उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारियां थोउबाल, काकचिंग, बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों से हुई हैं।
राजधानी इंफाल से 130km दूर सर्च ऑपरेशन जारी
कोहिमा में रक्षा जनसंपर्क अधिकारी (PRO) ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि इलाके में ऑपरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है। जैसे ही ऑपरेशन पूरा होगा, पूरी जानकारी साझा की जाएगी। मुठभेड़ चंदेल जिले के पहाड़ी इलाके में भारत-म्यांमार अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के करीब हुई है। यह इलाका राजधानी इंफाल से 130 किलोमीटर दूर है और यहां बहुत कम लोग रहते हैं।
मणिपुर के जिरिबाम जिले में 10 नंवबर को CRPF जवानों ने एनकाउंटर में 10 कुकी उग्रवादियों को मार गिराया। घटना बोरोबेकेरा के जकुराडोर करोंग इलाके की है। यहां के पुलिस स्टेशन और CRPF चौकी पर इन उग्रवादियों ने हमला किया था। जवाबी कार्रवाई के दौरान CRPF का एक जवान घायल हुआ, उसका असम के सिलचर में इलाज जारी है। ये इलाका असम सीमा से लगा हुआ है।
13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन, नई सरकार की मांग तेज
मणिपुर में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन है, लेकिन मौजूदा विधानसभा भंग नहीं हुई है। सिर्फ निलंबित है। इसलिए कई नागरिक संगठन इसके विरोध में उतर आए हैं। सियासी ताकत पूर्व सीएम एन. वीरेन सिंह के हाथ में है, क्योंकि यहां भाजपा बिखरी हुई है।
30 अप्रैल को 21 विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भेजकर राज्य में तत्काल लोकप्रिय सरकार बनाने की मांग की थी। पत्र पर भाजपा के 14 विधायकों ने साइन किए हैं।