कीव । दुनिया में सुपरपावर रूस से जंग लड़ रहे यूक्रेन में धमाको का शोर थम नहीं रहा और वहां के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को अमेरिका और नाटो के झूठे आश्वासन के के बाद अब बड़ा झटका लगा है। नाटो ने ऐलान किया है कि वह यूक्रेन में 'नो फ्लाई जोन' को लागू नहीं कराएगा।
नाटो के इस फैसले पर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भड़क गए हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने नाटो के फैसले की आलोचना की है और कहा कि इससे अब रूस को यूक्रेन के शहरों और गांवों पर बम बरसाने के लिए हरी झंडी मिल गई है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं कीव में हूं और यूक्रेन छोड़कर नहीं जा रहा हूं। जेलेंन्स्की ने कहा कि पश्चिमी देशों के सैन्य संगठन नाटो को पता है कि रूस अभी और ज्यादा हमले करने वाला है।
जेलेंस्की ने कहा, 'जब यह जानते हैं कि नए हमले और मौतें होने जा रही हैं, नाटो ने जानबूझकर यूक्रेन के हवाई सीमा को बंद करने का फैसला किया है। आज नाटो के नेतृत्व ने नो फ्लाई जोर बनाने की मांग को खारिज करके यूक्रेन के शहरों और गांवों में और ज्यादा हमले करने को अपनी हरी झंडी दे दी है।
कीव में अपने कार्यालय से कथित रूप से वीडियो संदेश के जरिए जेलेंस्की ने नाटो से कहा, 'आज से जो लोग मरेंगे, वह आपके कारण मारे जाएंगे। आपकी कमजोरी की वजह से, आपके अलगाव की वजह से।' उन्होंने कहा कि नाटो का आज शिखर सम्मेलन हुआ जो बहुत कमजोर है। एक भ्रमित शिखर सम्मेलन। एक ऐसा सम्मेलन जिसमें सभी लोग इससे सहमत नहीं थे कि आजादी यूरोप के लिए नंबर 1 लक्ष्य है।
सभी खुफिया एजेंसियां दुश्मन के प्लान से पूरी तरह से वाकिफ हैं। वे इस बात की पुष्टि करते हैं कि रूस अपने आक्रामक अभियान को जारी रखना चाहता है।' जेलेंस्की ने कहा, 'नाटो ने जानबूझकर यूक्रेन की हवाई सीमा को बंद नहीं किया।' उन्होंने कहा, 'अगर यूक्रेन नहीं बचेगा तो पूरा यूरोप नहीं बचेगा। अगर यूक्रेन का पतन हुआ तो पूरे यूरोप का पतन हो जाएगा।' जेलेंस्की का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब रूसी सेना ने यूक्रेन की राजधानी कीव और कई अन्य शहरों को घेर लिया है। यही नहीं कई शहरों पर अब उसका कब्जा हो गया है। इससे पहले नाटो महासचिव जेन्स स्टॉल्टेनबर्ग ने कहा था कि सैन्य संगठन यूक्रेन में ‘उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र या नो फ्लाई जोन’ को लागू नहीं कराएगा।
उन्होंने कहा कि इस तरह के कदम से यूरोप की परमाणु हथियारों से लैस रूस के साथ व्यापक जंग भड़क जाएगी। उधर, स्टॉल्टेनबर्ग ने यूक्रेन की पीड़ा को स्वीकार करते हुए कहा कि रूस की फौज ने यूक्रेन में हमले तेज़ कर दिए हैं और वे शहरों एवं अन्य स्थलों पर भारी बमबारी कर रहे हैं। इससे 10 लाख से अधिक लोग देश छोड़ने को मजबूर हुए हैं।
स्टॉल्टेनबर्ग ने कहा, 'यूक्रेन में जो हो रहा है, वह भयावह है। यह दर्दनाक है हम जो मानव पीड़ा और जिस स्तर पर तबाही देख रहे हैं, वह हमने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में नहीं देखी है।' हालांकि स्टॉल्टेनबर्ग ने कहा, 'हम यूक्रेन नहीं जा रहे हैं, न जमीन पर और न ही यूक्रेन के हवाई क्षेत्र में।
' नाटो की सुरक्षा गारंटी 30 सदस्य देशों को लेकर है और संधि का अनुच्छेद पांच कहता है कि अगर किसी एक सदस्य पर हमला होता है तो सारे सदस्य उसकी रक्षा के लिए आगे आएंगे। अगर रूस नाटो का कोई जंगी जहाज़ मार गिरा दे तो यह स्थिति आ सकती है। नाटो महासचिव ने कहा, 'उड़ान प्रतिबंध क्षेत्र लागू करने का सिर्फ एक तरीका है। वह यह है कि नाटो यूक्रेन के हवाई क्षेत्र में अपने लड़ाकू विमान भेजे और रूस के विमानों को मार गिराकर उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र लागू करे।
' उन्होंने कहा कि सहयोग देशों का मानना है, ‘अगर हम यह (यूक्रेन के हवाई क्षेत्र में अपने लड़ाकू विमान भेजते हैं तो) इससे यूरोपी में व्यापक युद्ध छिड़ जाएगा।' यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से अपील की थी कि वे उनके देश में उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र लागू कराएं।