भोपाल । मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष डा. अर्चना जायसवाल को अपने पद से हटा दिया गया, लेकिन चार वरिष्ठ उपाध्यक्षों को बरकरार रखा गया है। अपने गठन के शुरुआती दौर से ही विवादों में घिरी मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी को अंतत: भंग कर दिया गया है। केंद्रीय संगठन ने 30 जनवरी 2022 को घोषित कार्यकारिणी को ही भंग कर दिया गया। राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी ने इसकी सूचना जारी करते हुए कहा कि प्रदेश महिला कांग्रेस में सिर्फ वरिष्ठ उपाध्यक्ष रश्मि भारद्वाज, कविता पांडे, जमना मरावी और नूरी खान को बरकरार रखा गया है।
मालूम हो कि सभी की नियुक्ति कार्यकारिणी के गठन से पहले की गई थी। संगठन की राष्ट्रीय महासचिव प्रदेश प्रभारी ओनिका मेहरोत्रा ने बताया कि जल्द ही संगठन को लेकर निर्णय लिया जाएगा। महिला कांग्रेस पर निष्क्रियता और पद बांटने पर कई तरह की शिकायतें सामने आई थीं। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस ने 30 जनवरी को मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की कार्यकारिणी की घोषणा की थी।
24 घंटे बीतने के पहले ही विवाद प्रारंभ हो गया था। महामंत्री बनाई गई सोनिया अतुल शुक्ला ने यह कहते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था कि मैं 15 साल पहले महामंत्री थी और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी संभाल रही हूं, इसलिए महामंत्री पद के साथ न्याय नहीं कर पाऊंगी। उनके इस्तीफे के बाद अन्य जगह से भी विरोध के स्वर उठने लगे थे। इसे देखते डा. अर्चना जायसवाल ने प्रदेश कार्यकारिणी और जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की सूची को रोक दिया था। किसी भी पदाधिकारी को नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए थे।
साथ ही असंतोष से निपटने के लिए प्रदेश प्रभारी की सहमति से प्रदेश उपाध्यक्ष नीता शरद तिवारी, पुष्पा शर्मा और यास्मिन शेरानी की अनुशासन समिति बना दी थी। सभी पदाधिकारियों से कहा गया था कि किसी को कोई भी आपत्ति हो तो समिति को लिखित में आवेदन कर सकती हैं। इस कवायद के बीच पिछले सप्ताह नियुक्ति आदेश भी जारी कर दिए गए।उधर प्रदेश कार्यकारिणी भंग करने को लेकर डा. अर्चना जायसवाल ने कहा कि संगठन का निर्णय हैं। उन्होंने कहा कि मैंने वही सूची जारी की, जो केंद्रीय संगठन से अनुमोदित थी। मैं अपनी बात संगठन के समक्ष रखूंगी।