इसके अलावा पाकिस्तान में बढ़ती अराजकता, राजनीतिक अस्थिरता और आतंकवाद से भी चीन परेशान रहा है। चीन ने पाकिस्तान में अरबों डॉलर का निवेश कर रखा है और पाकिस्तान उन पैसों को चुकाने में नाकाम साबित हो रहा है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि चीन, पूरी तरह से भारत के साथ आ जाएगा, लेकिन युद्ध की स्थिति में चीन अगर पाकिस्तान से थोड़ी भी दूरी बनाता है तो उससे भारत को जबरदस्त फायदा मिल सकता है। सोमवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के साथ टेलीफोन पर बात करते हुए पहलगाम आतंकी हमले में शहबाज शरीफ के 'निष्पक्ष जांच' की मांग का समर्थन किया था, लेकिन भारतीय एक्सपर्ट्स का मानना है कि युद्ध के दौरान चीन, पाकिस्तान के समर्थन में दूसरा मोर्चा खोलेगा, इस बात का डर हमेशा से रहा है, लेकिन अगर चीन दूसरा फ्रंट नहीं खोलता है, इतना ही भारत के लिए काफी होगा।