वाशिंगटन । भारत विरोधी तेवरों के लिए पहचाने जाने वाले डेमोक्रेटिक सांसद उल्हान उमर ने अमेरिका पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा बाइडेन सरकार मानवाधिकारों के मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार की आलोचना करने से परहेज करती है।
सदन की विदेश मामलों की समिति के समक्ष पेश हुई विदेश उपमंत्री वेंडी शर्मन ने उनके आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि बाइडन प्रशासन भारत समेत सभी देशों के साथ मानवाधिकारों के मुद्दे को उठाता रहा है।
उन्होंने कहा मुझे लगता है कि यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम उन देशों के साथ बातचीत करें, जिनके साथ मानवाधिकारों पर चिंताओं को लेकर हमारे कई हित जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा हम सभ्य समाज से मुलाकात करें। हम उन मुद्दों से निपटें। हम इन मुद्दों पर काम कर रहे एनजीओ का समर्थन करें।
हम पत्रकारों और पत्रकारों की आजादी का समर्थन करें। शर्मन ने कहा कि हम उन देशों में भी मानवाधिकारों के लिए आवाज उठाते रहे हैं, जहां उन देशों की सरकारों के साथ हमारे कई अन्य एजेंडा होते हैं। मुझे लगता है कि आप इसे कहीं भी देखेंगे।
उन्होने कहा कि जब मैं उप विदेश मंत्री के तौर पर पिछली बार भारत गई थी तो मैंने एलजीबीटीक्यूआई समुदाय से मुलाकात की थी। मैं आपको बताना चाहती हूं कि पांच साल पहले ऐसी कोई बैठक नहीं होती थी।
कांग्रेस सदस्य उमर के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जब जो बाइडन राष्ट्रपति बने तो उन्होंने कहा था कि मानवाधिकार उनकी विदेश नीति के केंद्र में होगा। बहरहाल, उमर जवाबों से संतुष्ट नजर नहीं आई। उन्होंने पूछा मैं असल में इसकी सराहना करती हूं और जब आपके पूर्ववर्ती यहां थे तो मैंने उनसे भी यही सवाल पूछा था।