हाई कोर्ट जजों के नाम की सिफारिश कहां रुकी? केंद्र से सुप्रीम अदालत ने पूछा साफ-साफ

Updated on 21-09-2024 12:30 PM
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से कहा कि यह बताएं कि उच्च न्यायपालिका में जजों के रूप में नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट के कलीजियम ने किन नामों की दोबारा सिफारिश की और उनकी संख्या कितनी है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से इस बात का कारण भी बताने को कहा है कि इन नामों पर अब तक विचार क्यों नहीं किया गया और यह मंजूरी किस स्तर पर लंबित पड़ी है।

यह निर्देश चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच ने एक जनहित अर्जी पर सुनवाई के दौरान पारित किया। केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी से बेंच ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट कलीजियम (जजों के लिए) कोई खोजबीन समिति नहीं है जिसकी सिफारिशों को रोका जा सके। कृपया, आप दोबारा अनुशंसित नामों की एक लिस्ट बनाएं और बताएं कि ये क्यों और किस स्तर पर लंबित हैं...।'

'कुछ नियुक्तियां अभी होनी हैं और हमें उम्मीद है...'


बेंच ने कहा कि कुछ नियुक्तियां अभी होनी हैं और हमें उम्मीद है कि ये बहुत जल्द की जाएंगी। दायर अर्जी में यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट कलीजियम जिन जजों की नियुक्ति के नाम भेजता है, उन्हें नोटिफाई करने को सरकार के लिए एक समय सीमा तय की जाए। एक तय समय तय नहीं होने पर सरकार नियुक्तियों को नोटिफाई करने में मनमाने ढंग से देरी करती है, जिससे न्यायिक स्वतंत्रता का हनन होता है। संवैधानिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था खतरे में पड़ती है। अदालत की गरिमा का अनादर किया जाता है।

कोचिंग सेंटर पर कहा, पूरे देश में निर्देश जारी करेंगे


सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन स्टूडेंट्स की मौत की घटना की जांच कर रही समिति को चार हफ्ते में अंतरिम उपाय से जुड़ी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। घटना की जांच के लिए केंद्र ने समिति बनाई थी। कोर्ट ने कहा, ‘ओल्ड राजेंद्र नगर में हुई ऐसी घटना को दोबारा होने से रोकने के लिए पूरे NCR में एक समान पहल की जानी चाहिए। अगर जरूरत पड़ी तो हम ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पूरे देश में निर्देश जारी करेंगे।’

महिला वकील पर जज की टिप्पणी पर रिपोर्ट तलब


सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला वकील के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट के जज वेदव्यासाचार्य श्रीशानंद की कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों पर स्वत: संज्ञान लिया। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘जज की टिप्पणी को लेकर मीडिया में आई खबरों पर संज्ञान लिया जाता है। हम कर्नाटक हाई कोर्ट से वहां के चीफ जस्टिस से निर्देश लेने के बाद रिपोर्ट जमा करने का अनुरोध करते हैं। हम कुछ बुनियादी दिशानिर्देश तय कर सकते हैं।’ वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने आपत्तिजनक बयान का मुद्दा उठाया था।

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