संयुक्त राष्ट्र । यमन के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष दूत ने हूती विद्रोहियों की हिरासत से सात भारतीय नाविकों सहित विदेशी नागरिकों की रिहाई का स्वागत किया है। भारत ने उन सात भारतीय नाविकों की रिहाई के लिए 25 अप्रैल को ओमान और अन्य संबंधित पक्षों को धन्यवाद दिया था, जिन्हें दो जनवरी से यमन में हूतियों ने अपनी हिरासत में ले लिया था।
हूतियों के नियंत्रण वाली राजधानी सना से रविवार को रिहा किए गए विदेशियों में भारतीय भी शामिल थे। यमन के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के विशेष दूत हंस ग्रंडबर्ग के उपप्रवक्ता फरहान हक ने कहा हम हिरासत में लिए गए इथियोपिया, भारत, इंडोनेशिया, फिलीपीन, म्यांमार और ब्रिटेन के 12 विदेशी नागरिकों की रिहाई का स्वागत करते हैं। हक ने कहा वह ओमान और सऊदी अरब को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा वह कैदियों को रिहा करने के लिए विशेष दूत के कार्यालय के साथ अपनी भागीदारी जारी रखने के लिए पार्टियों को प्रोत्साहित करते हैं।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा था कि भारतीय मूल के नागरिक रविवार को मस्कट पहुंच गए और उनके जल्द ही भारत वापस लौटने की उम्मीद है। बयान में कहा गया है कि भारत सरकार खुश है कि दो जनवरी से रवाबी जहाज पर सवार और यमन में नजरबंद किए गए सात भारतीय नाविकों को रिहा कर दिया गया है। मंत्रालय ने कहा कि पिछले महीनों में भारतीय चालक दल के सदस्यों की रिहाई के लिए भारत सभी प्रयास कर रहा था और नाविकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न पक्षों के संपर्क में था। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भी उठाया था। भारत सरकार भारतीय नाविकों, विशेष रूप से ओमान सरकार सहित सभी संबंधित पक्षों को धन्यवाद देना चाहती है।
ओमान के विदेश मंत्री बद्र अलबुसैदी ने भारतीयों सहित 14 विदेशियों की रिहाई की पुष्टि की। उन्होंने कहा हम सना में कम से कम यमनी नेतृत्व के अच्छे विश्वास के साथ कई दलों द्वारा किए गए मानवीय प्रयासों के लिए बहुत आभारी हैं, ताकि इसे पूरा किया जा सके। ओमान के विदेश मंत्रालय ने बताया कि सभी 14 लोगों को ओमान रॉयल एयर फोर्स के विमान से मस्कट ले जाया गया।