भोपाल । कोरोना वायरस महामारी का असर हर क्षेत्र में हुआ है। कोरोना वायरस के कारण ही अब प्रदेश में एमबीबीएस के दो बैचों की पढाई एक साथ होगी। प्रदेश ऐसा पहली बार होने जा रहा है। कोरोना वायरस के चलते शैक्षणिक सत्र 2021-22 का बैच इस साल फरवरी में आया है, जिसे जुलाई 2021 में दाखिल होना था।
सत्र 2022-23 का बैच भी इसी साल जुलाई में आ जाएगा। इस तरह जुलाई के बाद प्रदेश के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कालेजों में प्रथम वर्ष के एक साथ दो बैच हो जाएंगे।ऐसे में जिन कालेजों में व्याख्यान कक्ष कम हैं, वहां छात्रों को बैठाने में दिक्कत आएगी। फैकल्टी की भी कमी पड़ेगी। इसकी वजह यह है कि प्रथम वर्ष में एनाटामी, फिजियोलाजी और बायोकेमेस्ट्री की कक्षाएं लगती हैं। जिन कालेजों में मापदंड के अनुसार पूरे फैकल्टी हैं, वहां भी दो बैच एक साथ होने से दिक्कत आएगी। जहां फैकल्टी की संख्या स्वीकृत पदों से कम है, वहां पढ़ाई में और ज्यादा परेशानी आएगी।
गांधी मेडिकल कालेज भोपाल और एमजीएम मेडिकल कालेज इंदौर में एमबीबीएस की 250 सीटें हैं। यानी दोनों जगह इतनी क्षमता वाले दो लेक्चर हाल की जरूरत होगी। हालांकि, जीएमसी में 250 सीट वाले चार लेक्चर हाल हैं, इसलिए कोई परेशानी नहीं आएगी। इस बारे में जीएमसी डीन डा. अरविंद राय का कहना है कि हमारे पास चार लेक्चर हाल 250 सीट की क्षमता वाले हैं, इसलिए जगह की कमी नहीं पड़ेगी। बाकी संसाधन भी पर्याप्त हैं। पढ़ाने के लिए फैकल्टी का रोस्टर इस तरह से तैयार किया जाएगा कि पढ़ाई पर असर न पड़े।
वहीं मप्र चिकित्सा शिक्षक संघ प्रदेश अध्यक्ष डा. राकेश मालवीय का कहना है कि 500 विद्यार्थियों को एक साथ बैठाना, पढ़ाना और सिखाना कठिन होगा। कोविड की आपदा के कारण यह हुआ है। ऐसे में विद्यार्थी और फैकल्टी सभी को समझौता करना पड़ेगा। एनाटामी, फिजियोलाजी और बायोकेमेस्ट्री के फैकल्टी को हर दिन दोनों बैच की कक्षाएं लेनी पड़ेंगी।