भोपाल। किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कृषि वैज्ञानिकों को प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिये कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान में कृषि वैज्ञानिकों से चर्चा में कहा कि प्राकृतिक खेती में प्रदेश में अपार संभावनाएँ मौजूद हैं। मंत्री श्री पटेल ने संस्थान में फसलों का निरीक्षण भी किया। दर्शन सिंह चौधरी भी थे।
कृषि मंत्री पटेल ने कृषि वैज्ञानिकों से कहा कि प्राकृतिक खेती से जुड़ी गतिविधियों का वैज्ञानिक प्रमाणीकरण करें, जिससे युवा बेहिचक होकर इससे जुड़ें। उन्होंने मिट्टी में उपलब्ध सूक्ष्म जीवों की संख्या एवं प्रकारों का मानचित्रण किये जाने में भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान से अग्रणी भूमिका निभाने का आव्हान किया। श्री पटेल ने इस कार्य में प्रदेश में मौजूद कृषि विश्वविद्यालयों को समन्वय कर कार्य करने को कहा है। उन्होंने अपेक्षा की कि यह कार्य आगामी 6 माह में पूर्ण कर लिया जाये।
कृषि मंत्री श्री पटेल ने प्राकृतिक खेती के विस्तार और प्रोत्साहन के लिये मास्टर-ट्रेनर तैयार करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा है कि भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल और प्रदेश के दोनों कृषि विश्वविद्यालय विस्तृत कार्य-योजना तैयार करें। प्रदेश में 13 हजार किसान मित्रों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संचालित भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति योजना में भारत सरकार के मार्गदर्शी निर्देश आधारित कार्य-योजना तैयार कर 200 क्लस्टर तैयार किये जाये।
कृषि वैज्ञानिकों से चर्चा में भारतीय मृदा संस्थान के निदेशक डॉ. अशोक पात्रा ने प्रदेश की मिट्टी में उपस्थित सूक्ष्मजीवीय विविधता एवं संख्या का जीपीएस आधारित मानचित्रण की विस्तृत कार्य-योजना प्रस्तुत की। वैज्ञानिकों से चर्चा में मंत्री श्री पटेल ने आश्वस्त किया कि शोध एवं अनुसंधान में सरकार की ओर से सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जायेगी।