भोपाल । शहर के केरवा और कलियासोत डैम में मगरमच्छों की गणना का काम आज पूरा हो जाएगा। गणना के बाद मगरमच्छों की वास्तविक संख्या के बारे में पता चलेगा। इसके बाद मगरमच्छों के संरक्षण और संवर्धन के लिए योजना बनाई जाएगी। अभी तक केरवा और कलियासोत डैम और इनसे जुड़े इलाकों में 18 मगरमच्छ की पहचान हुई है। इन्हें पहली बार अधिकृत रूप से देखे जाने की पुष्टि हुई है। गणना का आखिरी चरण रविवार को पूरा हो गया। इसके बाद इनकी वास्तविक संख्या पता चलेगी। पहली बार वन विभाग ने राजधानी के आसपास के जल स्त्रोतों में इनकी गिनती कराई है। सबसे अधिक भदभदा इलाके में आठ मगरमच्छ मिले हैं।
अब इनके संरक्षण की योजना बनाई जाएगी। इस तरह इनका भविष्य सुरक्षित होगा। बता दें कि अभी तक इन डैमों में मगरमच्छ होने की जानकारी तो थी लेकिन वन विभाग इन्हें अधिकृत नहीं मान रहा था। इनकी वास्तविक संख्या भी पता नहीं थी। जिसके कारण इनका संरक्षण नहीं हो पा रहा था। यही वजह थी कि डेढ़ वर्ष पूर्व भदभदा पुल के नीचे एक मगरमच्छ मृत अवस्था में मिला था। इस घटना के बाद दूसरा मगरमच्छ निकलकर भदभदा विश्राम घाट की तरफ पहुंच रहा था। जिसे पकड़कर वन विहार नेशनल पार्क में छोड़ा गया था।
जिसके बाद से लगातार भोपाल के आसपास के जल स्त्रोतों में सर्वे कर मगरमच्छ की वास्तविक संख्या पता लगाने की मांग उठ रही थी, ताकि उनका संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। जिन क्षेत्रों में इन्हें देखा गया है, उन क्षेत्रों में तार फेंसिंग कर संबंधित जल स्रोतों को सुरक्षित किया जाएगा। इन क्षेत्रों में वन अमले की तैनाती की जाएगी। जरूरत पड़ी तो सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। यदि संख्या अधिक मिली और आबादी तेजी से बढ़ने के अनुमान मिले तो इन्हें पकड़कर वन विहार के अंदर सुरक्षित तालाबों में रखा जाएगा।गणना के लिए दूरबीन का उपयोग किया जा रहा है। जल स्त्रोतों के किनारे और उनके अंदर तक पहुंचकर गणना को अंजाम दिया जा रहा है।
इसके लिए नाव की मदद ली जा रही है। 55 से अधिक वनकर्मियों को इसमें लगाया गया है। भोपाल सामान्य वन मंडल के डीएफओ आलोक पाठक ने बताया कि मगरमच्छ की गणना के लिए अलग-अलग आठ टीमें बनाई थी। इनमें विशेषज्ञों को शामिल किया गया था। जिसमें डा. आरके शर्मा भी शामिल हैं। इन्होंने घड़ियालों पर प्रदेश में पहली पीएचडी की है और घड़ियाल अभयारण्य में लंबे समय तक सेवाएं दी हैं। इसके अलावा भी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। स्थानीय वन अमले को भी शामिल किया गया है।