टेक्सास । अमेरिका के टेक्सास में एक एलिमेंटरी स्कूल में 18 साल के युवक ने एके-47 राइफल से अंधाधुंध फायरिंग कर 18 बच्चों को मार डाला। इस गोलीबारी में 3 टीचर की भी मौत हो गई है। अमेरिका में इस तरह की घटनाओं के पीछे बड़ा कारण यहां का गन कानून है।
रिपोर्ट के मुताबिक, गन कल्चर के कारण समाज में हिंसा पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। हमारे देश में गन खरीदने के लिए आर्म्स लाइसेंस की जरूरत पड़ती है, मगर अमेरिकी कानून के अनुसार बंदूक के पार्ट्स को बिना किसी लाइसेंस के ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है। अपराधी तब छोड़े हां तक कि बच्चे भी ऑनलाइन ऑर्डर देकर बंदूक के कलपुर्जों को मंगवा रहे हैं।
घर में ही बंदूकों को असेम्बल कर लिया जा रहा है। द गन कंट्रोल एक्ट 1968 के मुताबिक, राइफल या कोई भी छोटा हथियार खरीदने के लिए उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए। दूसरे हथियार मसलन हैंडगन खरीदने के लिए 21 साल की उम्र होनी चाहिए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 33 करोड़ की आबादी वाले अमेरिका में आम नागरिकों के पास 39 करोड़ हथियार हैं।
अलग पार्ट्स को मिलाकर असेंबल करने के कारण इसतरह के हथियारों का कोई सीरियल नंबर भी नहीं होता है। इसतरह इन बंदूकों का पता नहीं किया जा सकता है कि इनका मालिक कौन है। इस प्रकार से असेम्बल कर बनाई गई बंदूकों को घोस्ट गन कहा जाता है। यानी इन्हें किसी भी प्रकार से ट्रैक नहीं किया जा सकता है।
क्राइम सीन पर मिलने वाले हथियारों में से 50 फीसदी तक ये अवैध हथियार ही होते हैं। पुलिस ने 25 हजार ऐसी बंदूकों को जब्त किया है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चुनाव के दौरान गन कल्चर पर रोक का वादा किया था, लेकिन इस पर कोई पहल नहीं की जा सकी है। ऑनलाइन साइट पर गन के पार्ट्स की खरीद पहले की तरह ही जारी है।
2016 में टेक्सास के स्कूल में भी इस तरह की गोलीबारी हुई थी। इसमें एक स्कूली छात्रा की मौत हो गई थी। इसके बाद 2018 में ऐसी
ही वारदात हुई। टेक्सास के सेंट फे स्कूल में 17 साल के
हमलावर ने बच्चों पर गोली चला दी, जिसमें
10 लोगों की मौत हो गई थी।
इसके बाद पिछले साल 2021 में भी टिम्बरव्यू स्कूल में गोलीबारी हुई। हालांकि, किसी की मौत नहीं हुई। कई लोग घायल जरूर हुए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में अब तक 212 सामूहिक गोलीबारी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसके अलावा अमेरिका में 2021 में 693 सामूहिक गोलीबारी की घटनाएं हुई। 2022 में 611 जगह गोलीबारी हुई, तब 2019 में 417 जगहों पर ऐसी ही वारदात को अंजाम दिया गया।