वॉशिंगटन । अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को समाप्त कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अमेरिकी रूढ़िवादी और धार्मिक विचारों से जुड़े लोग खुश हैं। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 1973 के ‘रोए वर्सेज वेड’ के फैसले को पलट दिया। जिसमें एक महिला के गर्भपात के अधिकार को सुनिश्चित किया था।
गर्भपात के अधिकार को समाप्त करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अमेरिका के प्रमुख राजनीतिक दल रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स में जंग छिड़ गई है। रिपब्लिकन ने जहां इस फैसले का स्वागत किया है वहीं डेमोक्रेट्स ने इसकी आलोचना की है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को बड़ी गलती करार दिया है।
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गर्भपात के अधिकार को समाप्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोर्ट रूढ़िवादी विचारधारा के नाम पर महिलाओं की जान जोखिम में डाल रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि वह उन राज्यों में गर्भपात संबंधी नियमों के मद्देनजर महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए अपनी क्षमतानुसार हरसंभव प्रयास करेंगे, जहां इन्हें प्रतिबंधित किया जाएगा। बाइडेन ने कहा कि अदालत ने वह किया है जो उसने पहले कभी नहीं किया गया। उसने एक संवैधानिक अधिकार छीन लिया जो अमेरिकियों का मौलिक अधिकार है।
वहीं पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी इस फैसले को गलत बताया। उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट ने न केवल लगभग 50 साल की मिसाल को पलट दिया बल्कि सबसे गहन व्यक्तिगत निर्णय को राजनेताओं और विचारकों की सनक पर आरोपित कर दिया। यह फैसला लाखों अमेरिकियों की जरूरी स्वतंत्रता पर हमला है। वहीं मानवाधिकारों की रक्षा करने वाली प्रमुख संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी इस फैसले की आलोचना की और कहा कि गर्भपात एक मानवाधिकार है। हम इसके खिलाफ लड़ना जारी रखेंगे। डॉनल्ड ट्रंप सरकार में उपराष्ट्रपति रहे माइक पेंस ने कहा रो वर्सेज वेड फैसला अब इतिहास बनकर रह गया है।
यह फैसला स्वागत योग्य है और जीवन की पवित्रता को संजोता है, ताकि हम अजन्मे बच्चे की रक्षा करें। वहीं एक अन्य रिपब्लिकन नेता केविन मेककर्थी ने कहा कि, प्रत्येक अजन्मा बच्चा अनमोल, असाधारण और सुरक्षा के योग्य है। मैं इस ऐतिहासिक फैसले की सराहना करता हूं, जो अनगिनत निर्दोष लोगों की जान बचाएगा।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में गर्भपात एक संवेदनशील विषय है। यह रिपब्लिकन्स (कंजरवेटिव) और डेमोक्रेट्स (लिबरल्स) के बीच लंबे समय से विवाद का मुद्दा रहा है। यह विवाद 1973
में सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया था, जिसे रो बनाम वेड के मुकदमें के नाम से भी जाना जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में अमेरिका के संविधान का हवाला देते हुए कहा था कि वह महिलाओं के गर्भपात के चुनाव के अधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।