भोपाल। प्रदेश के निजी स्कूलों में पढने वाले गरीब बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। आरटीई के तहत फीस प्रतिपूर्ति का प्रस्ताव भेजने में महीने भर का समय लगेगा। मालूम हो कि निजी स्कूलों ने कई दिनों से शासन से आरटीई के तहत फीस की प्रतिपूर्ति करने की मांग कर रहे थे। उन्हें फीस नहीं मिलने से आरटीई के तहत पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाने में परेशानी आ रही थी। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक धनराजू एस ने बताया कि नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार के अंतर्गत गैर-अनुदान मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की सत्र 2020-21 और सत्र 2021-22 की फीस प्रतिपूर्ति का प्रस्ताव तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
इसके लिए आरटीई पोर्टल पर एक माडयूल तैयार किया गया है। माड्यूल 16 मार्च से 16 अप्रैल तक क्रियाशील रहेगा। प्रायवेट स्कूल यूजर आईडी और पासवर्ड से लागिन कर (आरटीई) शुल्क प्रतिपूर्ति एवं भुगतान प्रबंधन आप्शन को चुनकर फीस प्रतिपूर्ति प्रपोजल तैयार कर सकते है। माड्यूल यूजर फ्रेंडली होने के साथ ही पारदर्शिता पर आधारित है।संचालक धनराजू एस ने बताया कि इस सबंध में सभी जिलों के कलेक्टर्स को विस्तृत निर्देश दिए गए है। निर्देशों में सभी निजी स्कूलों को प्रस्ताव तैयार करने की प्रक्रिया के संबंध में अवगत कराने और पारदर्शी माध्यम से आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कराने का उल्लेख किया गया है।
बता दें, कि कोविड काल के कारण निजी स्कूलों को आरटीई के तहत मिलने वाली फीस प्रतिपूर्ति करीब तीन साल से नहीं मिली है। इस कारण इस बार जल्द ही फीस की प्रतिपूर्ति कर अप्रैल से सत्र 2022-23 के लिए आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। निजी स्कूलों ने कई दिनों से शासन से आरटीई के तहत फीस की प्रतिपूर्ति करने की मांग कर रहे थे।