भोपाल। रंगों के पर्व होली पर शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने से वे नाराज हो गए है। नाराज शिक्षक स्थानीय स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारी से मिल चुके हैं और ज्ञापन सौंपकर वेतन की मांग कर चुके हैं। बता दें कि प्रदेश के ढाई लाख शिक्षकों को अब तक फरवरी माह का वेतन नहीं दिया गया है। दरअसल, शिक्षकों का प्रोफाइल अपडेशन (नामिनी का नाम जोड़ने सहित) नहीं होने के कारण यह कदम उठाया गया है।
जबकि प्रोफाइल अपडेट करने का जिम्मा संबंधित स्कूलों के प्राचार्य, आहरण संवितरण अधिकारी (डीडीओ) और लिपिक का था। उन्हें तीन साल पहले यह जिम्मा सौंपा गया था। मालूम हो कि सरकार ने वर्ष 2018 में दो लाख 87 हजार शिक्षकों को नियमित कर्मचारी की श्रेणी में शामिल किया है। पहले वे निकाय के कर्मचारी थे और इस निर्णय के बाद स्कूल शिक्षा विभाग के कर्मचारी हो गए।
उनके वेतन खाते शिफ्ट हुए, तो अपडेट करने की जरूरत पड़ी। खासकर नामिनेशन (कर्मचारी की मृत्यु के बाद खाता संचालन का अधिकार) को लेकर बैंक खाते अपडेट करने का दबाव बना रहे हैं। वित्त और स्कूल शिक्षा विभाग ने यह काम डीडीओ, संस्था के प्राचार्य को सौंपा था। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लिपिकों को खाते अपडेट करने थे पर पिछले तीन साल में वे ऐसा नहीं कर सके।
आखिर खाते अपडेट न होने के कारण शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गई। आमतौर पर हर माह एक तारीख को कर्मचारियों को वेतन भुगतान कर दिया जाता है पर इस बार अब तक करीब ढाई लाख शिक्षकों को वेतन नहीं दिया गया है। इससे शिक्षकों में नाराजगी है। आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के अध्यक्ष भरत पटेल कहते हैं कि इसमें शिक्षक का क्या दोष है, जो सजा उसे मिल रही है। त्योहार का समय है। हर किसी को वेतन की जरूरत है और भुगतान पर रोक लगा दी गई है। जिसकी गलती है, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए थी।