काबुल । पाकिस्तान के पड़ोसी अफगानिस्तान के बीच सीमा विवाद लगातार गहराता जा रहा और इसके चलते यहां तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच अफगानिस्तान के कार्यकारी तालिबानी रक्षा मंत्री मुल्ला मोहम्मद याकूब ने शहबाज शरीफ सरकार को धमकी दे डाली।
तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब ने कहा कि तालिबानी प्रशासन पड़ोसी देशों से 'आक्रमण' को बर्दाश्त नहीं करेगा। इससे पहले तालिबान ने हवाई हमलों को लेकर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी। कुनार और खोस्त प्रांतों में हुए पाकिस्तानी हवाई हमले में दर्जनों की तादाद में अफगान लोग मारे गए थे जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।
मुल्ला याकूब ने अपने पिता के एक कार्यक्रम में कहा, 'हम दुनिया और पड़ोसी देशों से चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। यह उनकी ओर से कुनार में हमारे क्षेत्र पर आक्रमण का स्पष्ट उदाहरण है। हम आक्रमण को सहन नहीं कर सकते हैं। हमने हमल को सहन किया है। हमने इसे अपने राष्ट्रीय हितों की वजह से सहन किया है लेकिन अगली बार हम इसे सहन नहीं करेंगे।' इस बीच पाकिस्तानी वायुसेना के फाइटर जेट एक बार फिर से अफगान सीमा में घुसने की खबर आई है। इसके जवाब में तालिबानी सेना ने एंटी एयरक्राफ्ट गन का इस्तेमाल किया है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने याकूब के बयान में कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान से लंबे समय तक संबंध बनाए रखना चाहता है ताकि शांति को सुनिश्चित किया जा सके। पाकिस्तानी प्रवक्ता ने कहा, 'पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच भाईचारे वाला संबंध था।
सरकारें और लोग दोनों ही आतंकवाद को गंभीर खतरे के रूप में देखते हैं और लंबे समय से इससे पीड़ित रहे हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि दोनों ही देश सार्थक तरीके से प्रासंगिक माध्यमों से सीमापार आतंकवाद का सामना करने के लिए सहयोग करेंगे। साथ अपनी जमीन पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।' इससे पहले तालिबानी प्रशासन ने पिछले सप्ताह पाकिस्तान के राजदूत को तलब करके हवाई हमलों के खिलाफ विरोध दर्ज कराया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि पाकिस्तानी हमले में अफगानिस्तान के 36 से ज्यादा लोग मारे गए थे। संयुक्त राष्ट्र की बच्चों से जुड़ी संस्था ने कहा था कि पाकिस्तानी सेना के हमले में 20 बच्चे मारे गए थे। तालिबान और पाकिस्तान के बीच कई बार सीमा पर गतिरोध हो चुके हैं और डूरंड लाइन पर हालात तनावपूर्ण हैं।