भोपाल । स्टेट टाइगर टास्क फोर्स (एसटीएसएफ) ने गुजरात के बंदरगाह से गिदधों के तीन तस्करों को दबौचने में सपफलता हासिल की है। ये तस्कर खाडी देशों को जाने वाले जहाज में गिद्धों को रखकर लौट रहे थे। तस्कर गिरोह के तीन मुख्य सदस्यों को गुजरात स्थित सिक्का (जामनगर) बंदरगाह से टीम ने पकड़ा है। यहां वे गिद्ध को जहाज में पार्सल के बीच रखकर लौट रहे थे। तस्करों ने समुद्र के रास्ते गिद्ध को दुबई, सऊदी अरब सहित अन्य खाड़ी देशों में भेजना बताया। तस्करों से एक चार पहिया वाहन भी जब्त किया है।
उसमें पक्षियों को रखने का एक पिंजरा भी था। आरोपितों को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया।20 जनवरी को सुल्तानपुर-मुंबई सुपरफास्ट एक्सप्रेस में कानपुर से तस्कर फरीद सात गिद्धों के साथ सवार हुआ था। स्लीपर कोच में पक्षियों की दुर्गंध आने पर एक यात्री ने इटारसी में रेलवे स्टाफ को शिकायत की। इसके बाद खंडवा स्टेशन पर वन विभाग की टीम ने पकड़ा था। इसके बाद एसटीएसएफ और खंडवा वन विभाग की टीम मालेगांव पहुंची थी। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय एजेंसी ने गंभीरता दिखाते हुए एसटीएसएफ को जांच की जिम्मेदारी सौंपी। तीन दिन पहले टीम सिक्का बंदरगाह पहुंची। यहां से तस्कर हुसैन, अतीक और मोहम्मद को पकड़ा। ये तस्कर गुजरात से मालेगांव जाने वाले थे। टीम सोमवार को आरोपितों को एसटीएसएफ कार्यालय लाई।
पूछताछ में सामने आया कि तस्कर गिद्ध को सुमद्री जहाज से दुबई भेज रहे थे। 22 जनवरी को खंडवा से टीम मालेगांव पहुंची। तस्कर फरीद के मुताबिक सात गिद्ध हुसैन को देने थे। फरीद के गिरफ्तार होने की जानकारी लगने के बाद हुसैन और हाशिम फरार हो गए। सूत्रों के मुताबिक मालेगांव से भी कुछ मुखबिरों ने जानकारी दी। उसके आधार पर टीम गुजरात पहुंची। तस्करी में अंतरराष्ट्रीय गिरोह होने की आशंका जताई जा रही है। यही वजह है कि हुसैन, अतीक और मोहम्मद के पकड़ाए जाने के बाद गिरोह के बाकी सदस्य सक्रिय हो गए। सूत्रों के मुताबिक इन्हें छुड़वाने के लिए वन अफसरों पर जमकर दबाव भी बनाया। पूछताछ में सामने आया कि खाड़ी देशों में सफेद गिद्ध की मांग है। गिरोह देशभर के अलग-अलग कोनों से गिद्ध मंगवाता था।
गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब जैसे कई राज्यों में छोटे स्तर पर कई गिरोह सक्रिय हैं, जो महाराष्ट्र के मालेगांव, गुजरात के सिक्का सहित अन्य बंदरगाहों तक इन्हें पहुंचाने का काम करते हैं। सूत्रों के मुताबिक फरीद ने भी एक बार हुसैन तक कुछ गिद्ध पहुंचाए थे। उस दौरान 10 से 20 हजार रुपये मिले थे। इस बारे में खंडवा वन मंडल के रेंजर नितिन राजौरिया का कहना है कि खंडवा में तस्करी को लेकर प्रकरण दर्ज है, जिसमें एसटीएसएफ सहयोग कर रहा है। तीन तस्करों से पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश कर दिया है। तस्करों से मिली जानकारी पर जांच होना बाकी है।