-सरकारी कंपनियां देंगी इकोनॉमी को बूस्ट
नई दिल्ली। देश में फैले कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगे लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था पर जो असर पढ़ा है उसे कम करने के लिए देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूंजी व्यय में तेजी लाने को कहा। वित्त मंत्री ने 23 केंद्रीय लोक उपक्रमों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों के साथ बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की। इकोनॉमी को रफ्तार देने के लिए सरकार अब केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियों को खर्च करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में पेट्रोलियम, बिजली, कोयला खनन, और परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव और इन मंत्रालयों के अधीन आने वाले केंद्रीय लोक उपक्रमों के सीएमडी शामिल थे।चालू वित्त वर्ष में देश की 23 केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियों के पूंजीगत खर्च का लक्ष्य 1,65,510 करोड़ है। जिसमें सबसे ज्यादा आइल एंड गैस सेक्टर पर सबसे ज्यादा करीब 95 हजार करोड़ का प्लान है। सार्वजनिक कंपनियों की तरफ से अपने पूंजीगत खर्च के लक्ष्य को पूरा करने से आर्थिक विकास का पहिया तेज घुमाने में काफी मदद मिलेगी। मांग को बढ़ाने के लिए सरकारी कम्पनियों को ज्यादा से ज्यादा निवेश करना होगा। जब सरकारी कंपनियां निवेश के लिए आगे आयेंगी तो निजी क्षेत्र की कंपनियां भी आगे आएंगी। वित्त मंत्री ने 23 केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियों से अपने लक्ष्य को ध्यान में रख कर ज्यादा से जयादा खर्ज और निवेश के लिए कहा। वित्त मंत्री ने सीपीएसई को लक्ष्य हासिल करने के लिये बेहतर तरीके से कामकाज करने को कहा साथ ही उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये सीपीएसई को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। सीपीएसई के बेहतर प्रदर्शन से अर्थव्यवस्था को कोविड-19 संकट के प्रभाव से उबरने में मदद मिलेगी वित्त वर्ष 2019-20 में 23 सीपीएसई का वास्तविक पूंजी व्यय 1,66,029 करोड़ रुपये रहा जबकि लक्ष्य 1,64,822 करोड़ रुपये था।वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'वित्त मंत्री ने सचिवों से सीपीएसई के प्रदर्शन पर नजर रखने को कहा ताकि 2020-21 की दूसरी तिमाही में निर्धारित पूंजी व्यय का 50 प्रतिशत खर्च सुनिश्चित हो सके और इसके लिये योजना बनायी जा सके।'