विवान जोशी द्वारा वन विहार के संचालक अवधेश मीना को अंगीकरण के लिए आवश्यक राशि 25000 रुपये चैक के माध्यम से प्रदान की गई। वन विहार के संचालक द्वारा विवान जोशी को नर भालू मैक्स के अंगीकरण का प्रमाण पत्र भी दिया गया। वन्यप्राणियों की गोद लेने की यह योजना जन-जन में वन्यप्राणियों के संरक्षण के प्रति सद्भावना के लिए शुरू की गई है। इसमें व्यक्तिगत, संस्था, कारपोरेट सेक्टर, मप्र शासन के उपक्रम, पब्लिक सेक्टर आदि समुदाय के विभिन्न वर्गों की भागीदारी योजना को सही आयाम प्रदान करती है।
अब तक 95 वन्यप्राणियों को लिया गया गोद
असिस्टेंट डायरेक्टर वन विहार सुनील सिन्हा ने बताया कि कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था वन विहार के सूची में दर्शित किसी भी वन्यप्राणी को मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक एवं वार्षिक आधार पर गोद ले सकता है। इसके लिए उन्हें नियत राशि मप्र टाइगर फाउंडेशन सोसायटी के नाम भोपाल में देय चैक अथवा बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से जमा कर निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करना होती है। गोद लेने के लिए भुगतान की गई राशि आयकर की धारा 80 जी (एस) के प्रविधान के अंतर्गत छूट के दायरे में भी आती है। सम्बंधित को प्रति सप्ताह अधिकतम छह सदस्यों को एक वाहन के साथ निश्शुल्क प्रवेश की सुविधा प्रदान की जाती है। सम्बंधित के नाम की पट्टिका गोद लिए गए वन्यप्राणी के बाड़े के समक्ष एवं दोनों प्रवेश द्वारों पर प्रदर्शन के लिए लगाई जाती है। इस योजना से 95 वन्यप्राणियों को गोद लिया जा चुका है, जिससे वन विहार को आज तक रुपये 78,72,180 रुपये की आय हो चुकी है।