बारिश के मौसम में भी भिलाई तीन में सूखी हुई है नलों की धार
गर्मी बीतने के बाद भी वार्डों में टैंकर से जलापूर्ति
भिलाई। भिलाई तीन चरोदा निगम के कई वार्डो में पेयजल की ये स्थिति है कि बारिश के मौसम में भी टैंकर से पानी कीा सप्लाई करना पड़ रहा है। इस बारिश के मौसम में भी यहां के कई वार्डों के नलों की धार सूखी हुई है। शासन से भिलाई तीन चरोदा निगम क्षेत्र के वार्डो के लिए खारून नदी के पानी से जलापूर्ति की बहुप्रतिक्षित योजना में लेटलतीफी का खामियाजा भिलाई तीन निगम क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है। शासन के जल आवर्धन योजना के तहत होने वाला यह कार्य अहिवारा के पहले विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा के समय स्वीकृत हुआ था, उसके बाद सांवलाराम डाहरे पांच साल विधायक रहे अब प्रदेश के पीएचई मंत्री रूद्र कुमार गुरू है लेकिन अब तक पाचं छ: साल में भी यह कार्य मूर्त रूप नही ले पाया जबकि लगभग 100 करोड़ की लागत से होने वाला यह कार्य दिसंबर 2016 तक कार्य पूर्ण कर खारून नदी के पानी से निगम द्वारा जलापूर्ति सुनिश्चित कर दी जानी चाहिए थी लेकिन कछुवा गति कार्य के कारण इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। इस महती योजना के साकार होने का इंतजार लोगों को अब भी है। जल आवर्धन योजना में हो रही लेटलतीफी के चलते निगम क्षेत्र की जलापूर्ति व्यवस्था चरमरा सी गई है। आलम यह है कि बारिश के इस मौसम मे भी भिलाई-3 के कुछ वार्डों में पीने के पानी की दिक्कत बनी हुई है। दरअसल एक लाख की आबादी के साथ 40 वार्डों में समाये भिलाई-चरोदा नगर निगम की पूरी जलापूर्ति व्यवस्था भूजल पर निर्भर है। समय के साथ बढ़ी आबादी और भूजल स्तर में लगातार दर्ज की जा रही गिरावट के चलते पेयजल की दिक्कत बढ़ती चली जा रही है। यह स्थिति भविष्य में विकराल रूप न धारण कर ले इसके लिए भाजपा सरकार की प्रदेश की सत्ता में दूसरी पारी के दौरान तात्कालीन विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा की पहल पर शासन ने भिलाई-चरोदा जल आवर्धन योजना को मंजूरी प्रदान की थी।
वर्ष 2015 में इसका काम शुरू हुआ। इस बीच रेलवे लाइन और राष्ट्रीय राजमार्ग से पाइप लाइन आरपार करने में नियम कायदों की झंझावतों के चलते योजना को साकार करने में विलंब हुआ। जबकि कार्य शुरु होने के साथ ही दिसंबर 2016 तक योजना को साकार कर घर-घर तक खारुन नदी का पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था। निगम के जिम्मेदारों की माने तो इस योजना के तहत बनी 12 नई टंकियों के साथ सिरसाकला मे निर्मित मुख्य टंकी को जोड़कर खारून नदी का पानी नलों में प्रदाय करना शुरू कर दिया गया है। लेकिन चरोदा हाउसिंग बोर्ड कालोनी की टंकी सहित नगर पालिका काल में बनी पांच टंकियों को जल आवर्धन योजना के लिए बिछाई गई पाइप लाइन से जोड़ा जाना शेष है। इस बीच कुछ तकनीकी खामियां भी सामने आई जिसे लगभग 60 फीसदी दुरुस्त कर लिया गया है। पुरानी टंकियों को जल आवर्धन योजना की सिरसा कला में निर्मित मुख्य टंकी से जोड़कर जरुरी संधारण के साथ शीघ्र ही खारून का पानी घर-घर पहुंचाने का दावा अधिकारी फिलहाल कर रहे।
शीघ्र खत्म होगा इंतजार: जल प्रभारी चन्द्रप्रकाश पांडेय
नगर निगम में एमआईसी के जल विभाग प्रभारी चन्द्रप्रकाश पांडेय ने जल आवर्धन योजना के साकार होने को लेकर लोगों का इंतजार शीघ्र खत्म होने की बात कही है। उन्होंने बताया कि खारुन नदी का पानी भिलाई-चरोदा निगम क्षेत्र में पहुंच चुका है। इसके साथ ही उरला के फिल्टर प्लांट से सिरसा कला के मुख्य टंकी से होकर नई बनी सभी 12 टंकियों के जरिए जलापूर्ति शुरू कर दिया गया है। हाउसिंग बोर्ड कालोनी चरोदा सहित भिलाई-3 की तीन, चरोदा भाठापारा और देबलोदा की एक एक पुरानी टंकियों को सिरसा कला के मुख्य टंकी से जुड़ी पाइप लाइन से जोड़कर कुछ ही दिनों के अंदर खारुन नदी पानी सभी 40 वार्डों में पहुंचा दिया जाएगा।
दिक्कत भिलाई-3 में अधिक
जल आवर्धन योजना में हो रही लेटलतीफी के चलते पेयजल को लेकर सबसे अधिक दिक्कत भिलाई-3 के वार्डों में देखने को मिल रही है। यहां पर नूतन चौक, बजरंग पारा और सिरसा गेट के समीप उत्तर वसुन्धरा नगर की पुरानी टंकियों को जल आवर्धन की मुख्य टंकी से जोड़ा नहीं गया है। लिहाजा भूजल स्रोत से ही पुरानी टंकियों को भरने के बाद वार्डों में हो रही जलापूर्ति से पेयजल की किल्लत बनी हुई है। वार्ड 13 नेहरूनगर वार्ड-14 गांधी नगर सहित कुछ वार्डों में सावन के महीने में टैंकर से जलापूर्ति हो रही है। एक पुरानी टंकी चरोदा के भाठापारा और एक देवबलोदा में भी बनी हुई है। इन टंकियों को भी अभी जल आवर्धन योजना की टंकी से जोड़ा जाना शेष है। इसके चलते चरोदा शहरी क्षेत्र में रेलवे कालोनी और हाउसिंग बोर्ड कालोनी को छोड़ शेष वार्ड तथा देवबलोदा के तीनों वार्डों में जलापूर्ति व्यवस्था पुराने सिस्टम पर होने से लोगों को पीने के पानी के लिए इस बारिश के मौसम में भी परेशान होना पड़ रहा है।