दुर्ग । विश्व मृदा दिवस के अवसर पर ’’स्वथ्य धरा तो खेत हरा’’ आधारित मौजूदा मृदा स्वास्थ्य कार्ड लोगों का उपयोग कर अभियान के रूप में चलाये जाने के निर्देश के परिपालन में आज जिले में 04 स्थानों पर क्रमशः कृषि विज्ञान केन्द्र अंजोरा, कृषि विज्ञान केन्द्र पाहंदा (अ), केन्द्रीय विद्यालय दुर्ग एवं जवाहर नवोदय विद्यालय बोराई में कार्यशालाओं का आयोजन किया गया है। कार्यशाला में प्रमुख रूप से कृषि वैज्ञानिक तथा किसानों के साथ मिट्टी के लिए सर्वोत्तम पद्धतियों को साझा किया गया है। कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण एवं अनुशंसा आधारित सुझाव दिया गया तथा स्कूल स्वायल हेल्थ प्रोग्राम में सम्मिलित विद्यार्थियों की सहभागिता हेतु एमवाय जीओभी पोर्टल पर प्रश्नोत्तरी एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
केन्द्रीय विद्यालय दुर्ग में आयोजित की गई कार्यशाला उप संचालक कृषि संदीप भोई द्वारा बताया गया कि उर्वरकों एवं कीटनाशकों के अनियंत्रित प्रयोग से होने वाले नुकसान से बचने के लिए आवश्यक है कि कृषक संतुलित एवं समन्वित मात्रा में रसायनों का उपयोग करें, ताकि खाद्यान्न एवं भूमि को जहरीला होने से बचाया जा सके। कार्यक्रम में उपस्थित विद्यालय की छात्रा अदिति पाण्डे ने मृदा नमूने संग्रहण के अपने अनुभव के बारे में बताते हुए कहा कि ग्राम कातरो में नमने संग्रहण के दौरान उन्हें और अन्य छात्रों को कृषकों के द्वारा किये जाने वाले परिश्रम का एहसास हुआ तथा यह प्रेरणा भी मिली कि कृषकों के द्वारा मेहनत से उगाया गया अन्न व्यर्थ नहीं करना चाहिए। उक्त समस्त कार्यक्रमों में केन्द्रीय विद्यालय दुर्ग एवं जवाहर नवोदय विद्यालय बोरई के शिक्षकगण, विद्यार्थीगण, कृषि विज्ञान केन्द्र अंजोरा एवं कृषि विज्ञान केन्द्र पाहंदा (अ) के वैज्ञानिकगण तथा कृषि विभाग के अधिकारीगण की उपस्थिति में कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न हुए हैं।