इस्लामाबाद । पाकिस्तान के नव नियुक्त प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में विशेष कोर्ट से एक बार फिर से राहत मिल गई है। लाहौर की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) की विशेष अदालत ने गिरफ्तारी से पहले की जमानत अवधि को बढ़ा दी है। मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला 1400 करोड़ रुपये का है। इस मामले में 14 मई को आरोप तय किए जाएंगे।
अदालत ने उन्हें अगली सुनवाई के दौरान अदालत में पेश होने को कहा है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभन्नि धाराओं के तहत अन्य लोगों के भी प्राथमिकी में नाम दर्ज हैं। विशेष अदालत ने 27 जनवरी को मामले में शहबाज और हमजा को गिरफ्तारी से पहले जमानत दे दी थी। अदालत ने शहबाज के वकील एडवोकेट अमजद परवेज को उनकी इस दलील पर कि उनके मुवक्किल को इस मामले में आरोपित नहीं किया जा सकता है पर 14 मई को अदालत के समक्ष जवाब देने के लिए कहा गया।
शहबाज सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। शहबाज और उनके बेटों हमजा और सुलेमान के खिलाफ नवंबर 2020 में एफआईए ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और एंटी मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
सुलेमान फरार है और ब्रिटेन में रह रहा है। एफआईए की जांच में कथित तौर पर शहबाज परिवार के 28 बेनामी खातों का पता चला है, जिसके माध्यम से 2008 से 2018 तक 14 अरब पाकिस्तानी रुपये (75 मिलियन अमरीकी डालर) की राशि का शोधन किया गया था। एफआईए ने 17,000 क्रेडिट लेनदेन के मनी ट्रेल की जांच की। आरोपों के अनुसार, राशि को छिपे हुए खातों में रखा गया था और शहबाज को उनकी व्यक्तिगत क्षमता में दिया गया था।