प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को भारतीय मंडपम में आयोजित भारतीय मौसम विभाग (IMD) के 150वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम में शामिल हुए। पीएम ने यहां 25 मिनट की स्पीच दी। इस दौरान उन्होंने IMD के विकास, उसके महत्व और चुनौतियों के बारे में बात की।
पीएम ने कहा- आज मौसम से जुड़ी सारी अपडेट वॉट्सएप पर मिल जाती है। पिछले 10 सालों में कई साइक्लोन आए, लेकिन हमने जनहानि को जीरो या सबसे कम करके दिखाया। पिछली सरकारों में जब ऐसी प्राकृतिक आपदाओं में हजारों जानें जाती थीं तो उसे नियति कहकर टाल दिया जाता था।
1. रिसर्च-इनोवेशन नए भारत के टेंपरामेंट का हिस्सा
किसी भी देश के वैज्ञानिक संस्थानों की प्रगति साइंस के प्रति उसकी जागरूकता को दिखाती है। वैज्ञानिक संस्थाओं में रिसर्च और इनोवेशन नए भारत के टेंपरामेंट का हिस्सा है। इसलिए पिछले 10 सालों में IMD के इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी में विस्तार हुआ है। ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन, रनवे वेदर मॉनिटरिंग सिस्टम, डिस्ट्रिक्ट वाइज रेनफॉल मॉनिटराइजेशन ऐसे अनेक आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर जोड़े गए हैं।
2. भविष्य में भारत मौसम की हर परिस्थिति के लिए तैयार
मौसम विज्ञान को भारत की स्पेस टेक्नोलॉजी और डिजिटल टेक्नोलॉजी का फायदा मिल रहा है। आज देश के पास अंटार्कटिका में मैत्रेयी और भारती नाम के दो मेट्रोलॉजिकल ऑब्जर्वेटरी हैं। पिछले साल अर्थ और अरुणिका नाम के सुपर कंप्यूटर शुरू किए गए हैं। इससे मौसम विभाग की विश्वसनीयता पहले से ज्यादा बढ़ी है। भविष्य में भारत मौसम की हर परिस्थिति के लिए तैयार रहे।
3. IMD ने करोड़ों भारतीयों की सेवा की है
आज हम भारतीय मौसम विभाग के 150 साल सेलिब्रेट कर रहे हैं। ये 150 साल केवल भारतीय मौसम विभाग की यात्रा ही नहीं है। यह हमारे भारत के साइंस और टेक्नोलॉजी के विकास की भी यात्रा है। IMD ने करोड़ों भारतीयों की सेवा की है। 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा तब भारतीय मौसम विभाग का स्वरूप क्या होगा, इसके लिए विजन डॉक्यूमेंट भी जारी किया गया है। सभी देशवासियों को इस गौरवपूर्ण अवसर के लिए शुभकामनाएं।
PM ने IMD की 4 खासियत भी बताईं...
IMD के जरिए अर्ली वॉनिंग फॉर ऑल जारी किया गया है। देश की 90% आबादी तक इसकी पहुंच है। हर किसी को पिछले और आने वाले 10 दिनों की जानकारी मिलती है।
मौसम से जुड़ी भविष्यवाणी सीधे वॉट्सएप पर पहुंच जाती हैं। हमने मेघदूत मोबाइल ऐप बनाया। जहां देश की सभी स्थानीय भाषा में जानकारी मिलती है।
10 साल पहले देश के सिर्फ 10% किसानों और पशुपालकों को मौसम से जुड़ी जानकारी मिलती थी। आज ये संख्या 50% से ज्यादा हो गई है। यहां तक की बिजली गिरने की जानकारी मोबाइल पर मिलती है।
देश के लाखों समुद्री मछुआरे समंदर में जाते थे, तो उनके परिवारों को अनहोनी की आशंका रहती थी। अब मछुआरों को रियल टाइम अपडेट मिल रहा है।
'IMD विजन-2047' का डॉक्युमेंट PM ने जारी किया
इस कार्यक्रम में PM मोदी ने क्लाइमेट चेंज के लिए IMD विजन-2047 डॉक्युमेंट भी जारी किया जो मॉडर्न वेदर मैनेजमेंट सिस्टम को लागू करने के लिए मददगार होगा। इस डॉक्युमेंट में मौसम के पूर्वानुमान का प्रोसेस, कृषि, आपदा प्रबंधन और उद्योगों के लिए समाधान और जलवायु परिवर्तन को कम करने की प्लानिंग का ब्लू प्रिंट है।