भोपाल । प्रदेश में नई शराब नीति और आबकारी विभाग की कार्रवाई से नाराज शराब ठेकेदारों के तेवर नरम पड़ गए हैं। करीब 20 घंटे शराब दुकानें बंद रखने के बाद वे खोल दी गई हैं। शनिवार को भोपाल की सभी 90 देसी-अंग्रेजी शराब दुकानें खुली हुई है। हालांकि, नई नीति के 3 प्रमुख बिंदुओं पर उनकी नाराजगी जारी है। इसे लेकर वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलेंगे।
नई शराब नीति के अनुसार भोपाल-इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर समेत 17 जिलों में ई-टेंडर की प्रोसेस चल रही है, लेकिन ठेकेदार नए टेंडर लेने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इसके चलते 17 से 20 प्रतिशत दुकानें ही नीलाम हो पाई है। इसी बीच गुरुवार शाम से भोपाल में आबकारी विभाग ने दुकानों पर चेकिंग शुरू कर दी थी। जिसके विरोध में ठेकेदार सड़क पर उतर गए थे और शुक्रवार को शाम तक दुकानें बंद रखी थी। इससे करीब 5 करोड़ रुपए के कारोबार का नुकसान हुआ था। ठेकेदारों ने सरकार से सीधी लड़ाई लडऩे की बात कही थी, लेकिन करीब 20 घंटे बाद उनके तेवर नरम पड़ गए और दुकानें खोल ली।
संगठन स्तर पर प्लान बनाएंगे
मध्यप्रदेश आबकारी संघ के प्रेसिडेंट ऋषिकांत शर्मा ने बताया, आबकारी विभाग के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है। इसके चलते दुकानें खोलने का निर्णय लिया है। नई नीति को लेकर संगठन स्तर पर प्लान बनाएंगे। चूंकि, अभी पुराने टेंडर के अनुसार दुकानें चला रहे हैं। इसलिए मार्च तक हमें दुकानें खोलना ही है। नए टेंडर को लेकर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। मुख्यमंत्री से मिलकर नई नीति के तीन प्रमुख बिंदुओं पर बातचीत करेंगे और अपनी बात रखेंगे।
भोपाल में 90 में से 32 दुकानें ही नीलाम
प्रदेश के 17 जिलों में सिंगल की जगह ग्रुप में दुकानों के टेंडर किए जा रहे हैं। इनमें भोपाल, राजगढ़, इंदौर, खंडवा, जबलपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, कटनी, रीवा, सतना, उज्जैन, नीमच, सागर, ग्वालियर, शिवपुरी, भिंड और मुरैना जिले शामिल हैं। वर्ष 2000-21 और 2021-22 में यह सिंगल ठेके की व्यवस्था थी। यानी एक ही ठेकेदार जिले की दुकानों का संचालन करते थे। वर्ष 2022-23 के लिए यह पर 3-3 दुकानों के ग्रुप बना दिए गए हैं। यानी, ठेकेदार ग्रुप में दुकान चलाएंगे। हालांकि, इन जिलों में ठेकेदार दुकानें लेने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। एवरेज 17 से 20 प्रतिशत दुकानें ही नीलाम हो पाई है। भोपाल में शराब की 90 दुकानें हैं। 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक की अवधि के लिए ई-टेंडर की प्रोसेस 11 फरवरी को हुई थी। हालांकि, 32 दुकानों के ही ठेके हुए थे।