- पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा
- नवगठित ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन निर्माण का काम जोरों पर, 2 अक्टूबर को होना है लोकार्पण
- बैंक सखियों द्वारा 171.12 करोड़ रूपए का ट्रांजैक्शन, गांव और घर तक पहुंचकर जरूरतमंदों को उपलब्ध करा रही हैं नगद
रायपुर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने मनरेगा, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत प्रदेश भर में हो रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी लेकर उनकी प्रगति की समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंस में प्रमुख सचिव द्विवेदी के साथ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव और मनरेगा आयुक्त टी.सी. महावर, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के संचालक नीलेश क्षीरसागर तथा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के संचालक धर्मेश साहू भी मौजूद थे। प्रमुख सचिव श्री द्विवेदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में मनरेगा अभिसरण से धान खरीदी केंद्रों में बन रहे पक्के चबूतरों के निर्माण में तेजी लाते हुए इन्हें 15 जुलाई तक पूर्ण करने के निर्देश मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दिए। उन्होंने प्रदेश की सभी 704 नवगठित ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन के निर्माण में भी तेजी लाने कहा। उन्होंने कहा कि पंचायत भवनों का जल्द निर्माण कर पूरे प्रदेश में गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर को लोकार्पण करना है। नई पंचायतों के गठन के एक साल के भीतर ही पंचायत भवन बन जाने से वे व्यवस्थित ढंग से काम कर सकेंगे। उन्होंने दूसरे चरण के तहत स्वीकृत गौठानों और चारागाहों के काम भी शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही तीसरे चरण में बनने वाले गौठानों व चारागाहों के लिए जगह का चिन्हांकन भी करने कहा।
श्री द्विवेदी ने बैंकिंग सेवा की कमी वाले क्षेत्रों में बैंक सखी के माध्यम से जरूरतमंदों तक नगद पहुंचाने के काम को विस्तारित करने कहा। उन्होंने मनरेगा की मजदूरी राशि के भुगतान के साथ ही विभिन्न पेंशन योजनाओं और छात्रवृत्ति राशि अधिक से अधिक ग्रामीणों तक पहुंचाकर बैंक सखियों के जरिए वित्तीय लेन-देन बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विगत मई माह में किसान न्याय योजना के तहत किसानों के खाते में बड़ी राशि पहुंची है। आगामी अगस्त माह में इसकी दूसरी किस्त के भुगतान के साथ उनके खातों में और राशि आएगी। दूरस्थ और पहुंचविहीन इलाकों में बैंक सखी द्वारा इस राशि को किसानों के हाथों में पहुंचाया जा सकता है। ट्रांजैक्शन बढ़ने से बैंक सखी के रूप में काम कर रही महिलाओं को भी ज्यादा आर्थिक लाभ होगा।
प्रमुख सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि बड़ी संख्या में प्रदेश लौटे प्रवासी श्रमिकों को भी मनरेगा के अंतर्गत रोजगार उपलब्ध कराना है। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने प्रत्येक ग्राम पंचायत में अब तक हुए कार्यों की समीक्षा कर आगे की कार्ययोजना तैयार करने कहा। बरसात में मनरेगा के तहत व्यक्तिमूलक, भवन निर्माण और स्वसहायता समूहों से जुड़े कार्य संपादित कराए जा सकते हैं। श्री द्विवेदी ने स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण के तहत पहले चरण में छूटे तथा नए घरों में शौचालय निर्माण, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन तथा सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कर ओडीएफ (खुले में शौचमक्त) गांवों को ओडीएफ-प्लस की श्रेणी में लाने के निर्देश दिए। उन्होंने गौठानों में निर्माणाधीन सभी शौचालयों को 30 जुलाई तक पूर्ण करने कहा।
वीडियो कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि धान उपार्जन केंद्रों में अब तक 2141 चबूतरों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। किसानों से खरीदे गए धान को सुरक्षित रखने प्रदेश भर में स्वीकृत 4551 चबूतरों में से 2410 का काम प्रगति पर है जिन्हें शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा। नवगठित 704 ग्राम पंचायतों में से 702 में पंचायत भवन के निर्माण का काम भी जोरों पर हैं। ये दोनों निर्माण कार्य मनरेगा और अन्य मदों के अभिसरण से कराए जा रहे हैं। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में अब तक प्रदेश भर में कार्यरत 1431 बैंक सखियों द्वारा दस लाख 56 हजार ट्रांजैक्शन्स किए गए हैं। इसके माध्यम से बैंक सुविधाओं के अभाव वाले दूरस्थ अंचलों में जरूरतमंद लोगों तक कुल 171 करोड़ 12 लाख रूपए पहुंचाए गए हैं।