अगर उपचुनाव से पहले विधानसभा का सत्र आयोजित नहीं हुआ तो...

Updated on 31-07-2020 07:07 PM
भोपाल । मप्र में कोरोना संक्रमण दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने विधानसभा का मानसून सत्र स्थगित कर दिया है। ऐसी स्थिति में अगर सरकार सितंबर तक सत्र नहीं बुलाती है और उपचुनाव की घोषणा हो जाती है तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है।
संसदीय जानकारों के मुताबिक छह माह के अंतराल में विधानसभा सदन का सत्र जरूरी है। मप्र विधानसभा का आखिरी सत्र 24 मार्च को आयोजित किया गया था। 4 दिवसीय यह सत्र एक ही दिन चला। ऐसे में अब हर हाल में 24 सितंबर तक सत्र आयोजित करना होगा। वर्ना राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है।
-सरकार के सामने संकट
मप्र में 20 जुलाई से मानसून सत्र का आयोजन किया गया था। लेकिन प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि ऐसी स्थिति में विधानसभा का सत्र चलाना चातरे से खाली नहीं है। ऐसे में सर्व समत्ति से मानसून सत्र को स्थगित कर दिया गया। अब सरकार के सामने संकट यह है कि वह ऐसी स्थिति में विधानसभा का सत्र कैसे आयोजित करेगी। जिस कोरोना संक्रमण के कारण सत्र स्थगित किया गया है, वह दिन पर दिन और विकराल होता जा रहा है। इसलिए सरकार असमंजश की स्थिति में हैं।
-16 अगस्त के आस-पास आचार संहिता
चुनाव आयोग ने मप्र में सितंबर के अंत तक प्रदेश की 26 विधानसभा सीटों पर उपचनाव कराने की संभावना जताई है। अगर ऐसा होता है तो प्रदेश में 16 अगस्त के आस-पास चुनाव आचार संहिता लग जाएगी। ऐसे में 24 सितंबर की तिथि तक विधानसभा का सत्र आयोजित नहीं किया जा सकता है। ऐसे में राष्ट्रपति प्रदेश में कम से कम एक माह के लिए राष्ट्रपति शासन लागू कर सकते हैं।
 -विधानसभा के सत्र की संवैधानिक व्यवस्था
विधानसभा का सत्र आहूत करने की शक्ति राज्यपाल में निहित होती है। संविधान में यह प्रावधान किया गया है कि किसी भी सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के लिए नियत तारीख के बीच 6 माह से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए। विधानसभा सत्र सामान्य तौर पर वर्ष में तीन बार आहूत किए जाते हैं, जो कि बजट सत्र, मानसून सत्र तथा शीतकालीन सत्र कहलाते हैं। मप्र में वर्ष 2020 में 15वीं विधानसभा का बजट सत्र राजनीतिक घटनाक्रम के कारण एक दिन ही चल पाया। वहीं मानसून सत्र स्थगित कर दिया गया। 


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