कांस्टेबल ने थप्पड़ मारा तो बोला था विकास दुबे
भोपाल। अगर मैं उत्तर प्रदेश में होता तो तुम्हारे घरों में आग लगवा देता, तुम्हारे हाथ-पैर कटवा देता, बर्बाद कर देता। कुछ इस तरह से धमकाया था उज्जैन में थप्पड मारने वाले पुलिस को कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे ने। उज्जैन में पदस्थ कांस्टेबल विजय राठौर के साथ अन्य पुलिस वालों ने उसे महाकाल चौकी से हिरासत में लिया और फिर थाने ले आए। यहां वह बहुत गुस्से में था। कांस्टेबल विजय राठौर कि कहना था कि मैंने उसे हथकड़ी लगा रखी थी, इसलिए मुझ पर वह ज्यादा गुस्सा कर रहा था। उसे गाड़ी में बैठाने के लिए ले जा रहे थे, तो उसने अपशब्द कहना शुरू कर दिए। मुझे गुस्सा आया तो एक थप्पड़ (कंटाप) लगा दिया।" महाकाल थाने के स्टाफ को भी जब दुबे के एनकाउंटर की खबर लगी तो सभी चौंक गए। 24 घंटे पहले जिस मोस्ट वांटेड अपराधी को उन्होंने पकड़ा था, वह ढेर हो चुका था। पुलिसकर्मियों के अनुसार, पकड़ में आने के बाद विकास दुबे बार-बार धमकियां देते हुए अनाप-शनाप बातें कह रहा था। बाद में पुलिस के आलाधिकारियों ने उससे पूछताछ शुरू की थी तो वह चुप हो गया था। उज्जैन पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद से ही गैंगस्टर दुबे को हथकड़ी लगा कर रखा गया था। इस दौरान उसने एक पुलिसकर्मी से यहां तक कहा था कि आज तक उसने हथकड़ी नहीं पहनी है। हालांकि, एनकाउंटर के बाद भी पुलिस अधिकारी विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर कुछ भी जानकारी देने से बचते रहे। गैंगस्टर द्वारा धमकी दिए जाने के मामले में कोई प्रकरण भी दर्ज नहीं किया गया है।कांस्टेबल विजय ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। उसका कहना है कि उसी ने दुबे को हथकड़ी लगाई थी। अखबारों में मेरी फोटो छपी है। टीवी चैनलों पर मुझे दिखाया गया है। हो सकता है कि दुबे के कुछ और साथी यही हों। पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद दुबे "बिट्टू-बिट्टू" कह रहा था। इससे ऐसा लगता है कि उसके साथ कोई और भी था, मगर उस समय हमारा पूरा ध्यान विकास पर था। इसलिए हमने किसी और की ओर ध्यान नहीं दिया। मैं डरा हुआ हूं। दुबे की गैंग बड़ी होगी। मेरे परिवार को भी खतरा है। मैं वरिष्ठ अधिकारियों से आग्रह करता हूं कि मेरी सुरक्षा के लिए कुछ समय के लिए मुझे हथियार दिया जाए। उधर यूपी एसटीएफ ने ग्वालियर से एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के दो मददगारों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ओमप्रकाश और अनिल पांडेय को गिरफ्त में लेकर उत्तर प्रदेश ले गई है। 2 जुलाई की रात बिकरु में पुलिसकर्मियों की हत्या में नामजद 2 आरोपितों शशिकांत औरर शिवम को उन्होंने अपने यहां शरण दी थी