कोलकाता। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पहले सत्र में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के कप्तान रहे सौरव गांगुली ने कहा है कि उन्हें फैसले लेने की पूरी आजादी नहीं मिली थी। गांगुली के अनुसार शुरुआती सत्र में टीम के कोच जॉन बुकानन ने मल्टी कैप्टेंसी की नीति बनाई थी, और इससे टीम को शुरुआती साल में अच्छे परिणाम नहीं मिले थे। लगातार दूसरे सत्र में केकेआर के खराब प्रदर्शन के बाद बुकानन को उनके पद से हटा दिया गया था। तीसरे सत्र में गांगुली कप्तान के तौर पर खेले लेकिन टीम छठे नंबर पर रही। गांगुली ने कहा उन्होंने तब टीम के सह-मालिक शाहरुख खान से टीम को चलाने के लिए आजादी मांगी थी, लेकिन उन्हें यह नहीं मिली। गांगुली ने कहा, 'मैं गौतम गंभीर का एक साक्षात्कार देख रहा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि चौथे साल में शाहरुख ने उनसे कहा था कि यह तुम्हारी टीम है और मैं इसमें कोई दखलअंदाजी नहीं करूंगा। यही बात मैंने उनसे पहले साल में कही थी, मेरे ऊपर टीम छोड़ दीजिए, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।' उन्होंने कहा, 'आप देखिए आईपीएल की बेस्ट टीम वही हैं, जहां खिलाड़ियों पर टीम को छोड़ दिया जाए। सीएसके को देखिए, महेंद्र सिंह धोनी इसे चलाते हैं। मुंबई इंडियंस में कोई भी रोहित शर्मा की बात नहीं काटता है, कोई नहीं कहता उनसे कि इन खिलाड़ियों को टीम में जगह दो। वहां दिक्कत विचार की थी, कोच को चार कप्तान चाहिए थे, जिससे विचारों में मतभेद था।'