मकान मालिक बोल रहे हैं कमरे का किराया नहीं दे सकती तो रूम खाली कर दो। स्कूल वाले बोल रहे हैं कि बच्चों की फीस नहीं दे नहीं दी तो उन्हें स्कूल मत भेजो।
8.5 हजार रुपए सैलरी है हमारी, वह भी तीन महीने से नहीं मिली, सैलरी की बात करो तो सुपरवाइज़र कह देते हैं कि दूसरी जगह ढूंढ लो, यह कहना है हमीदिया अस्पताल की वार्ड बॉय के रूम में काम करने वाली पूजा का, जो अयोध्या बाइपास पर किराए के मकान में रहती हैं।
बता दें 500 के करीब वार्ड बॉय और टेक्नीशियन ने 10 दिसंबर को सैलरी नहीं मिलने के चलते अस्पताल परिसर में हड़ताल की थी। जिसके बाद उन्हें जल्द सैलरी देने का आश्वासन उनकी कंपनी व प्रबंधन ने दिया था। जिसके बाद हड़ताल खत्म की गई। शुक्रवार रात 8 बजे तक सैलरी नहीं आ सकी हैं। वहीं वार्ड बॉय ने इस मामले में दैनिक भास्कर के साथ बातचीत में अपनी परेशानियों को साझा किया।
घर का राशन खत्म हुआ वार्ड बॉय तरुण लोधी ने बताया कि मैं भानपुर के पास किराए के घर में रहता हूं, बच्चों की फीस तो जा नहीं पा रही थी और अब घर में खाने-पीने को भी दिक्कत होने लगी हैं। मेरे दो बच्चे हैं, स्कूल वाले फीस का बोल रहे हैं। मगर हमारी सैलरी नहीं मिलने के चलते परेशानी हो रही है। घर में राशन भी खत्म हो गया है, कुछ समझ ही नहीं आ रहा है।
सीनियर्स से बोले तो वह कहते हैं कि छोड़ दो नौकरी, अब यह समझ नहीं आता कि 8 हजार रुपए सैलरी में हम इतनी मुश्किल से घर चला रहे हैं और ऊपर से वह भी समय पर नहीं मिल रही हैं।
पैदल आती हूं अस्पताल एक अन्य महिला वार्ड बॉय परिवर्तित नाम (हिना) ने बताया कि मुझे सात साल हो गए हैं यहां पर वार्ड बाय के तौर पर काम करती हूं, मैं नादरा बस स्टैंड के पास रहती हूं, परिवार में बड़ी हूं तो सारी जिम्मेदारियां मेरी हैं, अब सैलरी नहीं आने के चलते फैमिली को बहुत स्ट्रगल करना पड़ रहा है, फैमिली वालों की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं, तीन महीने से सैलरी नहीं आई है , बोनस भी नहीं आया है, सैलरी काटकर देते हैं कलेक्टर रेट भी बढ़ गया है। अब तो घर में खाने पीने का सामान भी खत्म हो गया है। बस से आने जाने का किराया भी नहीं है। कई बार पैदल आती जाती हूं तो कई बार कोई लिफ्ट दे देता है।
फिर हो सकती है हड़ताल हड़ताल करने वाले वार्ड बॉय की माने तो उन्हें प्रबंधन ने शुक्रवार या शनिवार तक सैलरी आने की बात कही है, उनका कहना है कि अगर सैलरी नहीं मिली तो सोमवार को फिर से यह वार्ड बॉय हड़ताल पर जाएंगे। बता दें हमीदिया अस्पताल में रोज 2500 से अधिक की ओपीडी रहती है। वहीं 60 से अधिक ऑपरेशन होते हैं। वार्ड बॉय जहां एक तरफ जांच आदि के लिए मरीजों को मदद करते हैं वहीं टेक्नीशियन कई तरह की मशीन हेंडलिंग के अलावा पर्चे आदि बनाने का काम करते हैं।
नहीं मिल पा रही सैलरी गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) ने एजाइल कंपनी को पिछले तीन महीने से पेमेंट नहीं किया है। इसके चलते कंपनी ने कर्मचारियों की सैलरी रोक दी। कंपनी की 15 करोड़ से अधिक की रकम जीएमसी पर बकाया होने की बात सामने आई हैं।
दो महीने जब कर्मचारियों ने हड़ताल की थी, तब कंपनी को 1 करोड़ रुपए दिए गए। जिसके बाद कर्मचारियों की सैलरी जारी की गई। हालांकि उसमें दिवाली बोनस नहीं था। इससे पहले इन कर्मचारियों ने तीन से चार बार कंपनी को पत्र लिखकर शिकायत की थी। पत्र के जवाब में कंपनी ने सिर्फ आश्वासन दिया था।