गुरूजन अपने ज्ञान से संवारते है शिष्यों का भविष्य गुरू तुझे सलाम
- राज्य स्तरीय आयोजन, 28 जिलों के चुनिंदा विद्यार्थी हुए शामिल
रायपुर। पढ़ई तुंहर दुआर‘‘ कार्यक्रम के अंतर्गत बालक, पालक और शिक्षकों के बीच मधुर संबंध स्थापित करने के लिए चलाए जा रहे गुरू तुझे सलाम अभियान के तहत आज राज्य स्तरीय कार्यक्रम में 28 जिलों के चयनित विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इस ऑनलाइन आयोजन की विशेषता रही कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और सुदूर अंचल के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक दो मिनट की समय-सीमा में अपने आहाक्षण को साझा किया। यह कार्यक्रम संकुल, विकासखण्ड, जिला और राज्य स्तर पर संचालित किया जा रहा है। सभी प्रतिभागियों ने कहा कि गुरूजनों के मार्गदर्शन से ही जीवन संवरता है।
राज्य स्तरीय आयोजन में शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के अतिरिक्त संचालक आर.एन. सिंह ने गुरू को याद करते हुए अपने आहाक्षण को साझा किया। इस अवसर पर समग्र शिक्षा के सहायक संचालक डॉ. एम. सुधीश, राज्य मीडिया सेंटर के प्रभारी प्रशांत कुमार पाण्डेय और आशीष गौतम भी उपस्थित थे।
उत्तर बस्तर कांकेर जिले के विकासखण्ड नरहरपुर के संकुल केन्द्र चनार माध्यमिक शाला में कक्षा आठवीं के विद्यार्थी राजकुमार सलाम ने कहा कि मैं दृष्टिबाधित हूं। जब मैं पांचवी कक्षा में था, तो मुझे कम देखने के कारण पुस्तक पढ़ने में दिक्कत आती थी। मैं दिव्यांग स्कूल बागाडोर गया, जहां मुझे गुरूजी भीम सिंह ध्रुव ने ब्रेललिपि से पुस्तक पढ़ना सिखाया। पांचवी कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद गुरूजी ने ही मुझे छड़ी पकड़कर चलना, मेरा पसंदीदा खेल शतरंज खेलना भी सिखाया। मैं शिक्षक बनना चाहता हूं।
दंतेवाड़ा जिले की बचेली हायर सेकेण्डरी स्कूल कक्षा बारहवीं के छात्र अशोक कुंजाम ने कहा कि एनसीसी में शामिल होने के बाद मेरी जीवन में परिवर्तन आया। नकारात्मक विचार दूर हुए। बालोद जिले की छात्रा यशस्वी सिन्हा ने कहा कि गुरू और समुद्र दोनों ही गहरे होते हैं। गुरू से अर्जित ज्ञान की गहराई से मनुष्य तर जाता है। जीवन में सही मार्गदर्शक न हो, तो जीवन बिखर जाएगा। विद्यालय के प्राचार्य हमें जीवन को खुलकर और हंसकर जीने की सलाह देते हैं।
कोरबा जिले के छात्र राहुल यादव ने कहा कि गुरूजनों के कारण ही मेरे अंदर आत्मविश्वास आया। उन्होंने मुझे जीवन में आगे बढ़ने की कला सिखाई। शिक्षक अयोध्या प्रसाद लॉकडाउन के समय में ऑनलाईन क्लास लेकर होमवर्क देते समय हमें चैलेंज देते हैं कि जो सबसे पहले गृह कार्य को हल करके भेजेगा, वह स्टूडेंट ऑफ द डे कहलाएगा। इस चैलेंज से मैंने बहुत कुछ सीखा और बहुत कुछ सीख रहा हूं। ऑनलाइन क्लास में करीब 25 से 30 बच्चे पढ़ रहे हैं। शिक्षक द्वारा वाट्सएप्प पर भेजे गये प्रश्नों को हम हल करते हैं। गुरूजी ने हमें 9वीें कक्षा में ही टॉप-टेन के बारे में बता दिया ताकि हम अपनी तैयारी अच्छे से कर सकें। उसने कहा कि बड़ा होकर लोको पायलट बनना चाहता है।
राजनांदगांव जिले के वनांचल क्षेत्र मोहला की छात्रा रेशमा विश्वकर्मा ने कहा कि गुरूजन हमारी शिक्षा पर पूरा ध्यान देते हैं और आधुनिक शिक्षा के बारे में बताते हैं। हमें प्रतियोगी परीक्षा के लिए प्रोत्साहित करते हैं। कोरिया विकासखण्ड मनेंद्रगढ़ की माध्यमिक शाला चैनपुर की छात्रा राधिका श्रीवास ने कहा कि मेरे गुरू मेरे लिए प्रेरणादायक हैं। उसने बताया कि जब मैं प्राथमिक शाला में पढ़ती थी, तब वहां की शिक्षिका मुझे पाठ को जब तक समझ में न आये, तब तक पढ़ाती थी। वर्तमान में पढ़ई तुंहर दुआर अंतर्गत ऑनलाइन क्लास में उन्हीं शिक्षिका से जुड़कर पढ़ाई में आनंद आ रहा है। स्कूल बंद होने की स्थिति में हम शिक्षक के माध्यम से विषय के ज्ञान को आसानी से सीख रहे हैं।
बिलासपुर जिला के नवांगांव शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला मिट्ठू में कक्षा बारहवीं की छात्रा कल्याणी साहू ने कहा कि हमारे विद्यालय की प्राचार्य श्री नरेन्द्र कुमार तिवारी अनुभवी होने के साथ ही राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक हैं। हमारे विद्यालय में इको क्लब और अटल लैब भी हैं। स्कूल में विभिन्न उत्सवों का आयोजन होता है, ताकि हम अपनी संस्कृति से जुड़े रहे। सुदूर आदिवासी अंचल होते हुए भी यहां विद्यार्थियों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है। विद्यार्थियों की नैतिक शिक्षा पर जोर दिया जाता है। कार्यक्रम में विद्यार्थियों को प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलता है। विद्यार्थी शिक्षकों के समक्ष अभिव्यक्ति रख सकें इसके लिए बाल कैबिनेट का गठन भी किया गया है। यहां के इको क्लब को ऑक्सीजोन की संज्ञा दी गई है।
राज्य स्तरीय आयोजन में प्रदेश के 28 जिलों के प्रतिभागी कुमारी यशस्वी सिन्हा (बालोद), कुमारी धनेश्वरी साहू (बलौदाबाजार), निशांत पटेल (बलरामपुर), कुमारी अनिता दास (बस्तर), बिलकिस बानो(बेमेतरा), कुमारी पूनम पांडे (बीजापुर), कल्याणी साहू (बिलासपुर), अशोक कुंजाम (दंतेवाड़ा), कुमारी निष्ठा साहू (धमतरी), कुमारी ज्योति ठाकुर (दुर्ग), गजानन नागेश (गरियाबंद), कुमारी पूजा चौधरी (गौरेला पेंड्रा मरवाही), जयंती गढ़ेवाल (जांजगीर-चांपा), कु.भारती बेदी (जशपुर), कुमारी उमेश्वरी (कबीरधाम), राजकुमार सलाम(कांकेर), कुमारी मुस्कान देवांगन (कोड़ागांव), राहुल यादव (कोरबा), राधिका श्रीवास (कोरिया), कुमारी सवलेहा खातून (महासमुंद), कुमारी शारदा यादव (मुंगेली), मनीष पटेल (नारायणपुर), कुमारी चांदनी पटेल (रायगढ़), नरेश राणा (रायपुर), रेशमा विश्वकर्मा (राजनांदगांव), कुमारी सारिका गंगबेर (सुकमा), आरजू परवीन (सूरजपुर), कुमारी सावित्री (सरगुजा) शामिल हुए।