फसलों के एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन पिछले साल फरवरी से चल रहा है। वहीं, सरवन सिंह पंधेर के नेतृत्व में आज शंभू बॉर्डर पर किसानों की अहम बैठक हुई है। मीटिंग में तय हुआ है कि 6 जनवरी को श्री गुरु गोबिंद के प्रकाश पर्व शंभू बॉर्डर पर मनाया जाएगा। ऐसे में पटियाला के नजदीक के गांवों से अपील है कि अधिक से अधिक लोग मोर्चे में पहुंचे। इसमें किसान जत्थेबंदियां ने अपने कैडर सहित शामिल होंगी।
दूसरी विनती है कि पंजाब सरकार के विटंर सेशन में केंद्र सरकार द्वारा जारी कृषि मार्केटिंग पॉलिसी के ड्रॉफ्ट को रद किया जाए। किसानों की अन्य 13 मांगों के हक में पंजाब सरकार प्रस्ताव पास करे। आने वाले समय में शंभू बॉर्डर पर लोगों की संख्या बढ़ाई जाएगी। जल्दी ही दिल्ली जाने के फैसले का ऐलान करेंगे। जब तक केंद्र सरकार हमारी मांगों पर कोई ठोस फैसला नहीं लेती, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। दूसरी तरफ खनौरी बॉर्डर पर भी किसानों की मीटिंग जारी है।
पहले पंधेर ने वीडियो जारी कर 4 प्वाइंट उठाए-
आज शंभू बॉर्डर पर केएमएम की बैठक होने जा रही है। इस बैठक में तय होगा कि अगला जत्था कब दिल्ली की ओर कूच करेगा। केंद्र अभी बातचीत के लिए तैयार नहीं है। देश के प्रधानमंत्री को न तो किसानों और मजदूरों के हितों की जानकारी है और न ही वे इस बारे में सोच रहे हैं। सिर्फ कॉरपोरेट घरानों को कैसे खुश किया जाए। इसी बारे में सोचा जा रहा है।
बैठक में खनौरी के ताजा हालात पर चर्चा होगी। पंजाब बंद में जिस तरह लोगों ने सहयोग किया। इसके लिए उनका आभार जताया जाएगा। साथ ही कहा कि आंदोलन को कैसे आगे बढ़ाया जाए। उस पर चर्चा होगी।
शंभू बॉर्डर पर हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को रोकने के लिए बनाई गई दीवार की ओर इशारा करते हुए पंधेर ने कहा कि यह दीवार हरियाणा सरकार ने 13 फरवरी को आंदोलन शुरू होने से पहले 6 फरवरी को बनाई थी। केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू और हरियाणा के कृषि मंत्री ने इस पर यूटर्न ले लिया है। वे कहते थे कि आप पैदल आ सकते हैं, कोई नहीं रोकेगा। लेकिन अब उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा है कि 100 लोगों का जत्था पैदल दिल्ली जा रहा है। वे दिल्ली के कानून के लिए खतरा कैसे बन सकते हैं।
पंधेर ने कहा कि मांगों को लेकर आमरण अनशन और दिल्ली कूच शुरू किया गया है। इसे किसान आंदोलन 2 भी कहा जा रहा है। यह तब तक जारी रहेगा जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं।
खनौरी में चार को किसान महापंचायत
खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन आज (बुधवार) 37वें दिन में प्रवेश कर गया है। अब खनौरी बॉर्डर संघर्ष का केंद्र बिंदु बन गया है। यहां रोजाना बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। हालांकि आमरण अनशन पर बैठे डल्लेवाल की हालत बेहद गंभीर है।
अब 4 जनवरी को खनौरी मोर्चे पर किसानों की ओर से महापंचायत की जाएगी। किसान नेताओं ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल को लगता है कि जिस किसान समुदाय की उन्होंने 44 साल तक सेवा की है। वह महापंचायत के दौरान उन सभी से मिलना चाहते हैं। इस दौरान डल्लेवाल लोगों के नाम संदेश जारी करेंगे।
रात को डल्लेवाल का ब्लड प्रेशर गिर गया था
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि जगजीत सिंह डल्लेवाल का ब्लड प्रेशर देर रात 76/44 तक गिर गया था। जो बेहद चिंताजनक है। उनकी स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। इसलिए वे 4 जनवरी को खनौरी किसान मोर्चे पर सभी किसानों को एक महत्वपूर्ण संदेश देना चाहते हैं। मोर्चे पर पटवारी और नहर यूनियन ने भी पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया।
नए साल की बधाई संदेश न भेजें
किसानों का कहना है कि जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत बहुत गंभीर है। इसलिए कोई भी हमें नए साल की बधाई संदेश न भेजे। यह समय खुशी का नहीं बल्कि बड़ी चुनौतियों का सामना करने का है। सभी साथी 4 जनवरी को सुबह 10 बजे खनौरी किसान मोर्चा पर अवश्य पहुंचें। साथ ही इस आंदोलन को सफल बनाने में सहयोग करें।
किसान बातचीत के लिए तैयार
इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में डल्लेवाल की सेहत को लेकर सुनवाई हुई थी। इस दौरान पंजाब सरकार की ओर से बताया गया कि डल्लेवाल और किसानों से बातचीत चल रही है। अगर केंद्र सरकार किसानों से बातचीत करती है तो डल्लेवाल अपना आमरण अनशन खत्म करने पर विचार कर सकते हैं। वहीं कोर्ट ने पंजाब को डल्लेवाल को मनाने के लिए तीन दिन का और समय दिया है। अब मामले की सुनवाई 2 जनवरी को होगी।