कुलांचे मारता सोना, दगाबाज बने शेयर... शॉक पे शॉक के बीच कहां बनेगा पैसा?

Updated on 12-04-2025 01:39 PM
नई दिल्‍ली: राहुल और उनकी पत्‍नी अंजलि एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। पिछले कुछ समय में उन्‍होंने अपने खर्चों में कटौती करके 2 लाख रुपये की सेविंग की है। अब वे इस बचत को निवेश करना चाहते हैं। उनके सामने असमंजस यह है कि फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट (एफडी) का ब्‍याज कुछ खास नहीं है। सोना आसमान छू रहा है। इसकी कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। वहीं, शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल है। सच तो यह है कि राहुल और अंजलि के सामने जो कन्‍फ्यूजन है, उसका सामना आज ज्‍यादातर निवेशक कर रहे हैं। सोने की लगातार बढ़ती कीमतों और शेयर बाजार में जारी उथल-पुथल ने निवेशकों के लिए यह तय करना मुश्किल कर दिया है कि पैसा कहां लगाया जाए।
अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर तेज हो गई है। इससे शेयर बाजारों में अनिश्चितता है। निवेशकों में डर का माहौल है। मुश्किल समय में ज्‍यादातर शेयर 'दगाबाज' साबित हो रहे हैं। इसके उलट सोना तेजी से बढ़ रहा है। सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग बढ़ गई है। फिक्स्ड इनकम से मिल रहा रिटर्न सामान्‍य है। जिन लोगों ने अपने पोर्टफोलियो में सोना और फिक्स्ड इनकम को शामिल किया था, वे दूसरों से बेहतर कर रहे हैं।

सावधानी से आगे बढ़ने का समय

जानकारों का कहना है कि यह सावधानी से आगे बढ़ने का समय है। निवेश में ज्यादा जोखिम लेने से बचना चाहिए। बाजार तेजी से ऊपर-नीचे जा रहा है। एक ओर जहां 2 जनवरी से 4 मार्च के बीच बीएसई सेंसेक्स 9% गिर गया। वहीं, 25 मार्च तक 7% बढ़ गया। अगर अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर अनिश्चितता बनी रहती है तो स्थितियों को सुधरने में लंबा समय लग सकता है।
ऐतिहासिक रूप से बाजार में बड़ी गिरावट (30% से ज्‍यादा) और उसके बाद सुधार होने में लगभग दो साल लगे हैं। लेकिन, कुछ में चार-पांच साल भी लगे हैं। हाल के वर्षों में बाजार में कोई बड़ा झटका नहीं लगा है। ऐसे में कई निवेशकों को लगता है कि वे शेयर बाजार की अस्थिरता को संभाल सकते हैं। उन्होंने अभी तक ज्यादा अस्थिरता नहीं देखी है। कई लोग अब उम्मीद करते हैं कि बाजार फिर से खड़ा होगा और ऊपर चढ़ेगा। लेकिन, इतिहास को एक चेतावनी के रूप में देखना चाहिए। 2008 की मंदी की यादें अभी भी निवेशकों के दिमाग में ताजा हैं। लेकिन, ऐसे भी उदाहरण हैं जब सुधार में बहुत लंबा समय लगा था।

आगे भी आ सकती है शेयरों में ग‍िरावट

फिलिप कैपिटल में वेल्‍थ मैनेजर प्रतीक मिश्रा कहते हैं कि निवेशकों को अभी ज्‍यादा जोखिम लेने से बचना चाहिए। सोच-समझकर निवेश का फैसला लेने की जरूरत है। बाजार में बीच-बीच में तेजी देखने को मिली है। आगे अगर कंपनियों का मुनाफा कम होता है या दुनिया की अर्थव्यवस्था बिगड़ती है तो बाजार फिर से नीचे जा सकता है। जोखिम प्रोफाइल और लंबी अवधि के इन्‍वेस्‍टमेंट हॉरिजन को देखते हुए पोर्टफोलियो का लगभग 75%-80% इक्विटी में आवंटित करना सही होगा।
बाजार में डर का माहौल किस कदर है यह AMFI के ताजा आंकड़ों से पता चलता है। मार्च 2025 में इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश 14.4% घटकर 25,082 करोड़ रुपये रहा। पिछले महीने यह 29,303 करोड़ रुपये था। SIP में निवेश थोड़ा घटकर 25,926 करोड़ रुपये पहुंच गया। फरवरी 2025 में यह 25,999 करोड़ रुपये था। यह लगातार चौथा महीना है जब SIP में निवेश कम हुआ है। इसकी वजह अमेरिका की ओर से लगाए गए टैक्स, महंगाई की चिंता और दुनिया के कुछ हिस्सों में चल रहे तनाव हैं।
ट्रंप की ट्रेड पॉलिसी और भू-राजनीतिक तनाव के कारण बाजार में और गिरावट आने की आशंका से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है। यही कारण है कि एक्सपर्ट्स निवेशकों को सतर्क रहने और सोच-समझकर निवेश करने की सलाह दे रहे हैं। लंबी अवधि के निवेशकों के लिए अच्छी बुनियादी वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश किया जा सकता है। लेकिन, फिलहाल बड़ी रकम लगाने से बचने की सलाह दी जाती है।

सोना क्‍यों है तेजी के रथ पर सवार?

जब दुनिया में उथल-पुथल मची होती है या शेयर बाजार में गिरावट आती है तो सोना ऐसी मुश्किलों से बचने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता रहा है। यही कारण है कि सोना आजकल बहुत चमक गया है। इसकी कीमतें हर दिन नए रिकॉर्ड बना रही हैं। 12 अप्रैल को दिल्‍ली के सराफा बाजार में सोने की कीमत 6,250 रुपये उछलकर 96,450 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर पहुंच गईं। विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिका-चीन व्यापार तनाव बढ़ने के बीच सुरक्षित निवेश विकल्प के तौर पर मांग बढ़ने से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमत अब तक के अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई। इससे घरेलू कीमतों को बढ़ावा मिला।
पिछले कुछ समय में सोने की कीमतों में तेजी के पीछे कई कारण रहे हैं। सबसे पहले, महंगाई एक बड़ा कारण है। जब महंगाई बढ़ती है तो लोगों को लगता है कि उनकी बचत का मूल्य कम हो रहा है। इसलिए, वे सोने में निवेश करना पसंद करते हैं। कारण है कि सोना एक सुरक्षित निवेश माना जाता है।
दूसरा, दुनिया में राजनीतिक अस्थिरता भी सोने की कीमतों को बढ़ाती है। जब दुनिया में युद्ध या तनाव होता है तो लोग सोने में निवेश करना पसंद करते हैं। यह मुश्किल समय में सुरक्षित माना जाता है। रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास संघर्ष जैसे कारणों से भी सोने की कीमतें बढ़ी हैं।
तीसरा, ब्याज दरों का भी सोने की कीमतों पर असर पड़ता है। आमतौर पर, जब ब्याज दरें बढ़ती हैं तो सोने की कीमतें कम होती हैं। लोग सोने के बजाय ब्याज देने वाले निवेशों में पैसा लगाना पसंद करते हैं। लेकिन, इस बार ऐसा नहीं हुआ। जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें बढ़ानी शुरू कीं तो सोने की कीमतें और बढ़ने लगीं।

20 सालों में सोने और सेंसेक्स दोनों का र‍िटर्न लगभग बराबर

अब सवाल यह है कि क्या सोना अभी भी महंगाई से लड़ने का सबसे अच्छा तरीका है? इसका जवाब थोड़ा मुश्किल है। पहले सोना महंगाई से लड़ने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सोने की कीमतें सिर्फ महंगाई पर ही निर्भर नहीं करती हैं। वे दुनिया की राजनीतिक स्थिति और ब्याज दरों पर भी निर्भर करती हैं।

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 19 April 2025
नई दिल्‍ली: सोने की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। 10 ग्राम सोने की कीमत अब 98,000 रुपये के पार चली गई है। दिल्‍ली के सराफा बाजार में सोना 98,170…
 19 April 2025
मुंबई: अमेरिका के टैरिफ से दुनिया भर की अर्थव्यस्था परेशान है। लेकिन भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर इसका कोई असर अभी तक नहीं दिखा है। बीते 11 अप्रैल को समाप्त सप्ताह…
 19 April 2025
नई दिल्ली: केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने शुक्रवार को जीएसटी रजिस्ट्रेशन आवेदनों की प्रोसेसिंग के लिए अधिकारियों को संशोधित निर्देश जारी किए हैं, इससे करदाताओं पर अनुपालन का बोझ…
 19 April 2025
नई दिल्ली: नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) अब ग्राहकों को पॉपुलर मर्चेंट वेबसाइट्स पर अपना पसंदीदा या सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) आईडी सेव करने…
 19 April 2025
नई दिल्ली: भारत के कई बड़े बैंक अब बचत खातों पर ब्याज दरें घटा रहे हैं ताकि बैंक अपनी कमाई को बढ़ा सकें। पिछले कुछ हफ्तों में एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस…
 19 April 2025
नई दिल्ली: सरकार ने चीन से आ रहे घटिया सामान और सस्ते आयात से ग्राहकों को बचाने के लिए कदम उठाया है। लेकिन इससे एक दिक्कत हो गई है। सरकार के इस कदम…
 19 April 2025
नई दिल्ली: इलेक्ट्रिक कैब सर्विस देने वाली कंपनी BluSmart मुश्किल में है। लोन फर्जीवाड़ा केस में सेबी के एक्शन के बाद ब्लूस्मार्ट ने अपनी सेवाओं को बंद कर दी हैं। सेबी ने ग्रीन…
 19 April 2025
नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी बैंक ने अपने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) अकाउंट पर ब्याज दरें घटा दी हैं। यह कटौती कुछ खास समय के लिए की गई एफडी पर…
 18 April 2025
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु और मुंबई में गुरुवार को इलेक्ट्रिक कैब सर्विस ब्लूस्मार्ट (BluSmart) बंद रही। उनका ऐप काम नहीं कर रहा है और बुकिंग बंद हैं। इससे हजारों ड्राइवरों की…
Advt.