भोपाल । एक लाख रुपये घूस लेने के आरोपी एम्स भोपाल के निलंबित डिप्टी डायरेक्टर धीरेंन्द्र प्रताप सिंह के खिलाफ सीबीआई ने एक और प्राथमिकी दर्ज की है। सीबीआई ने यह प्रकरण आय से अधिक संपत्ति के मामले में दर्ज किया गया है। भोपाल एम्स के जन औषधि केंद्र के संचालक से घूस लेने के धीरेंन्द्र प्रताप सिंह आरोपी है।सीबीआई ने 25 सितंबर 2021 को एक लाख रुपये की घूस लेते हुए उन्हें गिरफ्तार किया था। सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 19 फरवरी को धीरेन्द्र प्रताप सिंह के खिलाफ 2015 और 2021 के बीच की जांच अवधि के दौरान 1.52 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति के संबंध में एक शिकायत मिली थी।
जन औषधि केंद्र के संचालक रामचंद्र आर्य ने सीबीआई से शिकायत की थी कि सर्जिकल सामान और अन्य सामग्री के 40 लाख रुपये के बिल भुगतान के लिए डिप्टी डायरेक्टर रिश्वत मांग रहे हैं। इसके बाद सीबीआइ ने उन्हें पकड़ने के लिए जाल बिछाया था। एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए शाहपुरा थाने के पास उन्हें रंगेहाथ पकड़ा गया था। गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने उनके भोपाल और ग्वालियर स्थित आवास पर तलाशी अभियान चलाया था। इसमें छह लाख रुपये से अधिक नगद मिले थे।
कुछ दस्तावेज भी बरामद किए गए गए थे, जिनमें बड़ी संपत्ति के बारे में जानकारी थी। बता दें कि उनकी मूल पदस्थापना इंडियन इंस्टीट्यूट आफ इन्फारमेशन टेक्नोलाजी ग्वालियर में है। वह एम्स में प्रतिनियुक्ति पर थे। गिरफ्तारी के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। यह पहला मामला था, जब एम्स को कोई अधिकारी रिश्वत लेते पकड़ा गया था। सीबीआई ने अब सिंह के विरुदध आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी प्रकरण दर्ज कर लिया है।