इस्लामाबाद । श्रीलंका के बाद पाकिस्तान भी आर्थिक बदहाली की राह पर चल पड़ा है। पाकिस्तान में महंगाई पहले ही रिकॉर्ड स्तर पर है। खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। जनता हाहाकार कर रही है। इस बीच पाकिस्तान की सरकार ने डीजल-पेट्रोल के बाद अब बिजली की दरें बढ़ाने का फैसला किया है। यह फैसला ऐसे समय लिया गया है, जब पाकिस्तान ऊर्जा संकट और हीटवेव की दोहरी मार झेल रहा है।
खबरों के अनुसार, ऊर्जा मंत्री खुर्रम दस्तगीर ने मंगलवार को बिजली की दरें बढ़ाने का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि बिजली की दरों को 7.90
रुपये प्रति यूनिट बढ़ाने का फैसला लिया गया है। हालांकि सरकार इसे एक ही बार में लागू नहीं कर रही है। पहले चरण में बिजली की दरें 26 जुलाई से 3.50
रुपये प्रति यूनिट बढ़ाई गई हैं। इसके बाद अगस्त से इसमें 3.50
रुपये प्रति यूनिट का इजाफा किया जाएगा। अंतिम चरण में अक्टूबर में दरें 0.91
रुपये प्रति यूनिट बढ़ाई जाएंगी। तीन चरणों में बिजली की दरें 7.91
रुपये प्रति यूनिट बढ़ाई जाएंगी और अक्टूबर से पाकिस्तान में इनकी दरें बढ़कर
24.80 रुपए प्रति यूनिट हो जाएंगी। भारत की बात करें तो बिजली की औसत दर 7-8 रुपये प्रति यूनिट है।
पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्री दस्तगीर ने दरें बढ़ाने का ऐलान करते हुए कहा कि गरीब लोगों को ध्यान में रखते हुए इन्हें एक ही बार में न बढ़ाकर कई चरणों में बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों के लिए पहले तीन महीने मुश्किल भरे होंगे। उन्होंने दावा किया कि इस साल नवंबर से बिजली के दाम कम होने लगेंगे। इसके साथ ही पाकिस्तान की सरकार ने गरीब लोगों को एक और बड़ी राहत दी है। सरकार ने कहा है कि जिन लोगों का बिल 100 यूनिट से कम होगा, उन्हें नई दरों से भुगतान नहीं करना होगा। इसका मतलब हुआ कि ऐसे कस्टमर्स के लिए बिजली महंगी नहीं होने वाली है।