लंदन । ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन को अपने ही कई मंत्रियों के विरोध और इस्तीफे का दबाव इतना बढ़ गया कि उन्हें अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी। जॉनसन गुरुवार से पहले तक अपने इस्तीफे से इनकार करते रहे। बोरिस जॉनसन ने आखिरकार बढ़ते दबाव के बीच इस्तीफा दे दिया। इस हफ्ते हर कोई उनसे इस्तीफे की उम्मीद कर रहा था।
खबरों के मुताबिक जॉनसन के खिलाफ उनके मंत्रियों का सामूहिक इस्तीफा ऐसा तथ्य था, जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती थी। वहीं ब्रिटिश मीडिया मंत्रियों के इस्तीफे की सूची चला रहा था। गुरुवार को सुबह 9 बजे, भारत
के समय अनुसार दोपहर 1.30 बजे 27 मंत्रियों ने इस्तीफा सौंप दिया है, जिसमें कैबिनेट स्तर के पांच और कैबिनेट स्तर से नीचे के 22 मंत्री शामिल
थे। इन 29 मंत्रियों
के अलावा, दर्जनों
संसदीय निजी सचिवों (पीपीएस)
ने भी इस्तीफा दे दिया था, जिससे इस्तीफा देने वाले मंत्रियों और सरकारी सहयोगियों की संख्या 50 से अधिक
हो गई। खबरों के अनुसार पीपीएस के इस्तीफे बहुत कम महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि
सरकार पीपीएस के बिना काम कर सकती है, लेकिन मंत्रियों के बिना नहीं।
इसके अलावा, जॉनसन ने
बुधवार को अपने सचिव माइकल गोव को अपने खिलाफ होने के कारण बर्खास्त कर दिया था। इसके साथ ही पर्यावरण सचिव रेबेका पॉव ने भी भारतीय समयानुसार दोपहर 2.45 बजे ट्विटर पर अपने इस्तीफे की घोषणा की। बुधवार को जॉनसन ने हाउस ऑफ कॉमन्स में एक उत्साही भाषण दिया था, लेकिन गुरुवार दोपहर को जॉनसन बिना सरकार के प्रधानमंत्री के रूप में वास्तविक खतरे में दिखाई दिए। प्रधानमंत्री जॉनसन के खिलाफ उनके ही मंत्रियों ने काफी तीखे बयान दिए थे। इसकी शुरुआत हुई थी वित्त मंत्री ऋषि सुनक और स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल सचिव साजिद जाविद के साथ, जिन्होंने
मंगलवार 5 जुलाई को
कुछ मिनटों के भीतर ही इस्तीफा दे दिया और अगली सुबह जाविद ने संसद में कहा कि यह समय आ गया है कि हमें यह कहना पड़ेगा कि अब बहुत हो चुका। सुनक ने अपने त्याग पत्र में कहा था कि ‘जनता सरकार
से सही ढंग, सक्षम और
गंभीरता से संचालित होने की उम्मीद करती है। मेरा मानना है कि ये मापदंड मेरे लिए लड़ने लायक हैं और इसलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं।’
प्रधानमंत्री आवास, 10 डाउनिंग
स्ट्रीट के बाहर अपने इस्तीफे के भाषण में, जॉनसन ने
स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि वह अपनी पार्टी और सहयोगियों को यह समझाने में विफल रहे कि वर्तमान समय में नेता को बदलना गलत होगा। बुधवार को, हॉउस ऑफ
कॉमन्स में कंजर्वेटिव पार्टी के नेता सचमुच प्रधान मंत्री पर हंस रहे थे, क्योंकि
प्रधानमंत्री ने अपनी आलोचनाओं के खिलाफ खुद का बचाव करने की मांग की थी और ‘चलते रहने’
की कसम खाई थी। कंजर्वेटिव पार्टी के नेताओं ने ‘अलविदा,
बोरिस’ के नारे
के साथ उनका मजाक उड़ाया था।