ताइपे । पूरी दुनिया का ध्यान इस समय रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध पर है। इस बीच चीन ने भी ताइवान को लेकर आक्रामक रुख अपनाना शुरू कर दिया है। ताइवान की सरकार के मुताबिक चीन लगातार घुसपैठ की कोशिश कर रहा है। शुक्रवार को ताइवान के रक्षा क्षेत्र में चीन ने 18 लड़ाकू विमानों और बॉम्बर को भेजा।
ताइवान ने इसे इस साल की दूसरी सबसे बड़ी घुसपैठ करार दिया है। ताइवान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि चीनी विमानों के लिए इन्होंने चेतावनी सिग्नल भेजे और जेट को ट्रैक करने के लिए एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल किया। चीन लगातार कहता रहा है कि वह एक दिन ताइवान को अपना हिस्सा बना लेगा और अगर जरूरत पड़ी तो वह सैन्य बल भी इस्तेमाल भी करेगा। रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया को डर है कि चीन ताइवान पर हमला कर सकता है।
ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में 2021 के आखिरी महीनों में चीन की ओर से घुसपैठ देखी गई थी। चार अक्टूबर को चीन ने सबसे बड़ी घुसपैठ की थी, जब इसकी वायुसेना के 56 युद्धक विमानों ने क्षेत्र में प्रवेश किया था। ताइवान ने कहा कि शुक्रवाक को 18 चीनी विमान उसके क्षेत्र में आए जिसमें 12 जे-11 और जे-16 फाइटर जेट थे। इसके साथ दो एच-6 बॉम्बर, दो एयर पुलिस एयरक्राफ्ट और एक यून-8 रिमोट ड्रायर थे।
चीन की घुसपैठ के बाद ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने उन चीनी विमानों की तस्वीरें जारी की है, जिन्हें उन्होंने ट्रैक किया। यह इस साल की दूसरी सबसे बड़ी घुसपैठ है। इससे पहले 23 जनवरी को 39 लड़ाकू विमानों के साथ चीन ताइवान के हवाई क्षेत्र में पहुंचा था। ताइवान ने सितंबर 2020 से चीनी घुसपैठ को लेकर नियमित रूप से डेटा जारी करना शुरू किया। साई इंग वेन के 2016 में राष्ट्रपति चुने जाने के बाद चीन लगातार ताइवान पर दबाव बढ़ा रहा है, क्योंकि वह ताइवान द्वीप को चीन का क्षेत्र न मानते हुए उसे एक संप्रभु राष्ट्र मानती हैं।