बिलासपुर । कोरोना काल में लोग सैनिटाइजर का काफी उपयोग कर रहे हैं। कई लोग तो बार बार हाथों को सैनेटाइज्ड करने के कारण हमेशा अपने साथ सैनिटाइजर रखते हैं। सैनिटाइजर में एल्कोहल की मात्रा होने से वह ज्वलनशील होता है। इसे देखते हुए बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन ने लोगों से अपील की है कि वह पटाखे या दिए जलाते समय हाथों को सैनिटाइज्ड करके न जलाएं। उन्होंने लोगों को पटाखा जलाते समय सावधानी बरतने और इस दौरान सैनिटाइजर को अपने दूर रखने के लिए कहा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी गाइडलाइंस में लोगों को अलर्ट किया गया है कि दीपावली पर आतिशबाजी करने के दौरान छोटी-छोटी सावधानी बरत कर खुद को हादसों से बचाया जा सकता है। पटाखा से जलने की स्थिति में जल्द प्राथमिक चिकित्सा का उपाय कर खुद को सुरक्षित कर सकते हैं। दीपावली पर पहले से अलर्ट होकर तैयारी करने से आकस्मिक होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। दीपावली के समय ज्यादातर दुर्घटनायें लापरवाही और अज्ञानता की वजह से होती है। अगर हम ठीक से ध्यान दे और थोड़ी सावधानी बरतें तो कई दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने अपील जारी की है जिसमें कहा गया है कि सैनिटाइजर में अल्कोहल की मौजूदगी दिवाली पर पटाखे छुड़ाते समय आग लगने का कारण बन सकती है। पटाखे छुड़ाते समय बच्चों के साथ रहे, उन्हें सेनिटाइजर ना लगाएं। एक छोटी सी गलती बड़ी समस्या हो सकती है। इसलिए सेनेटाइजर का उपयोग पटाखे फोड़ते समय सोच समझ कर करें। लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। अगर पटाखे चला रहे हैं तो सैनिटाइजर का बिलकुल भी इस्तेमाल न करें है। ऐसा इसलिए क्योंकि सैनिटाइजर ज्वलनशील होता है और पटाखे के संपर्क में आकर यह दिक्कत पैदा कर सकता है। सेनेटाइजर लगे हाथों से पटाखों को भूलकर भी न छुएं : सीएमएचओ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन कहते हैं कि कोरोना को देखते हुए वैसे तो इस बार पटाखों से घर-परिवार को दूर ही रखना है और यदि पटाखे जलाते ही हैं तो यह जरूर ध्यान रखें कि सेनेटाइजर लगे हाथों से कतई पटाखों को न छुएं क्योंकि सेनेटाइजर में मिला हुआ अल्कोहल व अन्य केमिकल बारूद के संपर्क में आते ही दुर्घटना की आशंका को बढ़ा सकता है। यह आपके उत्साह के रंग में भंग डाल सकता है । इसके अलावा पटाखों का धुंआ फेफड़ों को भी सीधे तौर पर प्रभावित कर सकता है । कोरोना वायरस भी फेफड़ों पर ही आक्रमण करता है, इसलिए फेफड़ों को सही-सलामत रखने के लिए जरूरी है कि इस बार पटाखों से दूर रहें। ऐसे बरतें सावधानी - बच्चों को अकेले पटाखे नहीं चलाने दें, अभिभावक या कोई बड़ा व्यक्ति साथ होना चाहिए। - ज्यादा शोर करने वाले पटाखों से दूर रहें, तेज आवाज से कान के पर्दे फटने का रहता है डर। - आतिशबाजी करते हैं तो साथ में पानी से भरी बाल्टी जरूर रखें ताकि शरीर के किसी हिस्से में चिगारी गिरती है तो तुरंत पानी डाल सकें। - पटाखों से एलर्जी व सांस की बीमारी बढ़ सकती है।