भोपाल। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लंबी खींचतान के बाद पिछले हफ्ते अपने मंत्रिमंडल को आकार दिया था। अब उन्होंने कई दिनों तक मंथन करने के बाद मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा भी आसानी से कर दिया है। पार्टी के किसी भी नेता ने न तो मंत्रिमंडल विस्तार पर सवाल उठाए और न हीं विभागों के बंटवारों पर विरोध दर्ज कराया है। भाजपा संगठन और सत्ता के बीच बेहतर समन्वय से यह संभव हो सका है, वहीं इससे प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। क्योंकि मप्र कांग्रेस के नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को उम्मीद थी कि मंत्रिमंडल विस्तार और विभागों के बंटवारे के समय भाजपा में विरोध और विद्रोह के हालात बनेंगे, लेकिन भाजपा के किसी भी नेता ने अभी तक मुंह तक नहीं खोला है।
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भाजपा के कुछ नेता आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन विभाग बंटवारे से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह कहकर सभी के मुंह बंद कर दिए कि 'मंथन से अमृत निकलेगा और विष तो शिव पी जाते हैं। शिवराज ने इस बयान से अपनी ही पार्टी के भीतर कई समर्थक एवं विरोधियों को चुप करा दिया। मुख्यमंत्री ने अपने इस बयान से यह संदेश दे दिया कि राजनीति में कभी-कभी विष का घूंस पीकर भी समाज सेवा करनी पड़ती है। इसके बाद पार्टी में विरोध के स्वर उठाने की तैयारी कर रहे नेता बैकपुट पर पहुंच गए। यही वजह है कि मंत्रिमंडल विस्तार और फिर विभागों के बंटवारे होने के बाद भी किसी भी नेता ने सत्ता और संगठन के फैसले पर सवाल नहीं उठाए हैं। हालांकि मंत्रिमंडल विस्तार से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेशाध्क्ष वीडी शर्मा को उम्मीद थी कि कुछ नेता सवाल उठा सकते हैं। चंकि अभी तक पार्टी के हर नेता ने फैसले का स्वागत किया है, इससे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा संगठन को बड़ी राहत मिली है।
नेताओं के ट्वीट से संगठन बेअसर
मंत्रिमंडल विस्तार और विभागों के बंटवारे के बाद भाजपा के कुछ नेताओं ने मुंह बंद रखा, लेकिन ट्वीट के जरिए सवाल उठाए। लेकिन भाजपा संगठन के किसी भी पदाधिकारी ने इन नेताओं के ट्वीट को गंभीरता से ही नहीं लिया। जिन नेताओं ने ट्वीट किए वे राजनीति में उतार पर हैं। पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने दो बार ट्वीट कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा था। इसी तरह पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने भी मुख्यमंत्री के ग्वालियर प्रवास के दौरान रानी लक्ष्मीबाई से जुड़ा ट्वीट कर भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधा। पूर्व विधायक पारूल साहू ने जरूर बयान देकर भाजपा संगठन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। खास बात यह है कि पारूल के पास संगठन में न तो कोई जिम्मेदारी है और न हीं वे निर्वाचित पदाधिकारी हैं। पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में ही उनका टिकट काटकर घर बैठा दिया था।
कांग्रेस ने बोला हमला
शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भाजपा में विरोध के स्वर नहीं उठने से कांग्रेस नेताओं के पेट में मरोड़ उठना शुरू हो गई है। यही वजह है कि कांग्रेस नेताओं ने ट्वीट के जरिए सिंधिया और शिवराज पर हमले तेज कर दिए हैं। हालांकि अभी तक भाजपा की ओर से कांग्रेस के किसी भी ट्वीट का पलटवार नहीं किया जा रहा है। कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एवं कमलनाथ दोनों ही बयान देकर मंत्रिमंडल विस्तार एवं विभागों के बंटवारे पर सवाल उठा रहे हैं।