भोपाल नगर निगम परिषद की मीटिंग में कांग्रेस पार्षदों ने जमकर हंगामा और नारेबाजी की। महापौर के बैठक में नहीं पहुंचने से नाराज कांग्रेस पार्षदों ने महापौर होश में आओ परिषद की बैठक चालू करो, अध्यक्ष जी होश में आओ परिषद की बैठक चालू करो कि जैसे नारे लगाए।
पार्षद पप्पू विलास न्यू मार्केट में प्रीमियम पार्किंग के मुद्दे पर भ्रष्टाचार को लेकर परिषद अध्यक्ष से लगातार चर्चा कराने की गुहार लगाते नजर आए। जिसके बाद अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी और उनके बीच बहस भी हुई। जिसके बाद कांग्रेस पार्षदों ने वार्ड की समस्याएं लिखी तख्तियां लहराई। अंततः: निगम अध्यक्ष ने इस मामले में चर्चा करवाई।
कमिश्नर एवं अन्य निगम अधिकारी सीएम के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मीटिंग बीच में ही छोड़ कर चले गए। पार्षद पप्पू विलास ने इस बात का विरोध किया। जिसके बाद परिषद अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री जी का बड़ा कार्यक्रम है, नगर निगम कई तरह की व्यवस्थाएं देख रही है। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने भी विरोध दर्ज कराया।
मीटिंग शुरू होने से पहले ही कांग्रेस पार्षदों ने 16 दिसंबर को कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर हटाए गए होर्डिंग को लेकर नारेबाजी की। इसे लेकर अध्यक्ष की आसंदी को घेर लिया। वहीं बीजेपी पार्षदों ने इस कहा कि जब होर्डिंग की परमिशन नहीं ली। किराया नहीं दिया, तो हटा दिए होंगे।
कांग्रेस पार्षदों ने इस मामले में जमकर नारेबाजी की। उन्होंने नगर निगम प्रशासन होश में आओ, मनमानी नहीं चलेगी। परिषद अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने कांग्रेस पार्षदों को आश्वासन दिया कि इस तरह की भेदभाव पूर्ण कार्रवाई नहीं होगी।
बैठक के दौरान लगातार हंगामे की स्थिति बनी रही। पार्षद गुड्डू चौहान अवैध पार्किंग को लेकर लगातार बीच-बीच में बोलते रहे। इस पर परिषद अध्यक्ष ने कहा कि अगर आप बार-बार बीच में बोलेंगे तो आपको सदन से बाहर कर दिया जाएगा। इसके बावजूद वह लगातार बोलते रहे कि इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
बता दें कि लगभग तीन महीने बाद शुक्रवार को एमआईसी की बैठक हो रही है। इसमें 21 मुद्दों के प्रस्ताव मीटिंग में रखे जाएंगे। नियमानुसार दो महीने में मीटिंग होनी चाहिए, लेकिन यह 3 महीने के बाद होगी। इसके चलते विपक्ष के पहले ही हंगामा मचने के आसार थे। बता दें कि नगर निगम परिषद की मीटिंग की तारीख तय नहीं होने से सियासत गरमा गई थी।
9 करोड़ रुपए से संवरेगा शाहपुरा तालाब एमआईसी बैठक में शाहपुरा तालाब, अमृत-2 जैसे 20 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। शाहपुरा तालाब का सौंदर्यीकरण और व्यवस्थित करने का भी निर्णय लिया गया है। यहां फुटपाथ निर्माण के साथ ही तालाब में मिलने वाले सीवरेज के पानी को रोकने के बंदोबस्त किए जाएंगे। इस पर 9.16 करोड़ रुपए खर्च होगा। स्मार्ट नेविगेशन डिवाइस लगाने वाली कंपनी यूनिकॉर्न सॉल्यूशन का एग्रीमेंट खत्म कर उसे ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। ऐसे में शहर में लगी 100 से ज्यादा इन गेंट्री का संचालन नगर निगम की ओर से किया जाएगा। यही नहीं, अमृत प्रोजेक्ट के तहत शहर में 5 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की लागत से पानी की पाइपलाइन बिछाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। यही प्रस्ताव अब परिषद की मीटिंग में रखे जाएंगे।
अभी नहीं हटाए जाएंगे स्वच्छता प्रभारी अफसरों और एमआईसी सदस्यों के बीच पिछले ढाई महीने से चल रहे विवाद पर भी विराम लग गया है। अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह चौहान को हटाने की जिद पर अड़े एमआईसी सदस्यों ने स्वच्छ सर्वे की तैयारियों को देखते हुए अपनी मांग छोड़ दी। सूत्र बताते हैं कि, निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण यादव ने चौहान को बदलने से यह कहते हुए मना कर दिया था कि स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए टीम आने वाली है। ऐसे में अचानक प्रभारी नहीं बदल सकते।
इन प्रस्तावों को भी रखेंगे