भोपाल । राज्य सरकार की नई शराब नीति से नाखुश ठेकेदार अब खुलकर सामने आ गए हैं। उनका कहना है कि राज्य सरकार उन पर शराब के ठेके लेने के लिए दबाव बना रही है। उन्होंने आरोप लगाए कि राज्य सरकार की नई शराब नीति के कारण उसे ठेकेदार नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने गुरुवार रात से इंदौर, भोपाल और जबलपुर में चल रही कार्रवाई के खिलाफ सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं।
मप्र आबकारी संघ के अध्यक्ष षिकांत शर्मा एवं अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि नीति की वजह से सरकार को नए ठेकेदार नहीं मिल रहे हैं। इसलिए दुकानें बंद कर हम पर ठेके लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि स्थानीय आबकारी अमले ने नियमित निरीक्षण करते हुए तीनों शहरों में कई शराब दुकानें सील कर दी हैं।
राजधानी में प्रेसवार्ता कर संघ पदाधिकारियों ने कहा कि ये कार्रवाई क्यों की जा रही है, इसका जवाब जिम्मेदार अधिकारियों के पास भी नहीं है। उन्होंने कहा दुकान की सही कीमत ही दे सकते हैं। उसके लिए दुकानें सील कर दबाव बनाना सरकार की ओछी हरकत है। उन्होंने साफ कहा कि प्रदेश में काम नहीं करेंगे, क्योंकि सरकार का संरक्षण नहीं मिल रहा है।संघ के अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि ड्यूटी 33 प्रतिशत तक बढ़ा दी और मुनाफा 17 प्रतिशत कर दिया। इससे ठेकेदारों को नुकसान होगा। उन्होंने बताया कि सरकार की दुकानें बंद करने की कार्रवाई से एक दिन में पांच करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।इससे पहले ठेकेदारों ने आबकारी मंत्री के बंगले पर भी पहुंचे और दुकानें खोलने का निवेदन किया।ठेकेदारों का कहना है कि विभाग ने इस बार आरक्षित मूल्य 25 प्रतिशत बढ़ा दिया है। इसलिए दुकानें लेने में ठेकेदार रुचि नहीं ले रहे हैं।
भोपाल, इंदौर, जबलपुर, राजगढ़, बालाघाट, खंडवा, रीवा, उज्जैन, कटनी, सतना, भिंड, सागर, नीमच, मुरैना, शिवपुरी, छिंदवाड़ा और ग्वालियर जिलों में तीन-तीन दुकानों को समूह बनाकर ठेके दिए जा रहे हैं। इन जिलों में पहले एकल ठेके की व्यवस्था थी। वहीं कंपनियों-गोदामों से माल (शराब) उठाने को लेकर लगाई गई पाबंदियों का विरोध किया जा रहा है। ठेकेदारों का कहना है कि इससे मुश्किल होगी। घोषित-अघोषित खर्चों को लेकर भी ठेकेदारों का विरोध है। वे कहते हैं कि मुनाफा कम होगा तो खर्च कैसे उठाएंगे। ठेकेदार अंग्रेजी और देशी शराब एक साथ बेचने का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे बिक्री पर असर पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में एक अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक के लिए शराब दुकानें नीलाम की जा रही हैं। टेंडर की प्रक्रिया 11 फरवरी से शुरू हो गई है।