रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा ने कांग्रेस की हुई समीक्षा बैठक के मद्देनजर कहा है कि कांग्रेस समीक्षा करके कोई सबक नहीं लेती, इसीलिए लगातार उसकी दुर्गति हो रही है। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में हार के बाद हार की समीक्षा के लिए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री वीरप्पा मोइली के नेतृत्व में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई थी। लेकिन नतीजा सिफर ही रहा।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष शर्मा ने शनिवार को एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में प्रेस ब्रीफ में कहा कि मोइली कमेटी छत्तीसगढ़ पहुंची तब कार्यकर्ताओं ने बड़े नेताओं की जिद और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की बात की थी। आज उस कमेटी की रिपोर्ट कहां है और उस पर क्या कार्रवाई हुई? अब रायपुर दक्षिण के चुनाव में कांग्रेस की बड़ी हार के लिए भी क्या कांग्रेस कोई कमेटी बनाएगी? शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के लोग बँटे हैं, बिखरे हैं और नाराज हैं। और यह बात स्वयं कांग्रेस नेता पूर्व उप मुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने भी कही है कि भाजपा एक कैडर आधारित पार्टी है और जिस प्रकार से वह कार्य करती है, उस तक पहुंचने में हमें 25 साल लगेंगे। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस कितना भी ईवीएम पर आरोप लगा ले। पिछले समय उन्होंने धांधली करके अप्रत्यक्ष चुनाव से जरूर विजय प्राप्त की थी परंतु इस बार प्रत्यक्ष चुनाव होने से नगरीय निकाय व त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में जनता पुनः भाजपा पर भरोसा जताएगी। और भाजपा विधानसभा लोकसभा चुनाव के बाद जीत का चौका लगाएगी।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि अपनी लगातार हार से बौखलाई कांग्रेस हर मुद्दे पर मुँह की खाने के बाद अब धान खरीदी पर झूठ फैलाने में लगी है। शर्मा ने धान खरीदी को लेकर कांग्रेस द्वारा आंदोलन करने की घोषणा को कांग्रेस की बौखलाहट का परिचायक बताते हुए कहा कि धान खरीदी को लेकर कांग्रेस के नेता जिस तरह अनर्गल प्रलाप करके धान खरीदी की समूची प्रक्रिया के सुव्यवस्थित संचालन को लेकर प्रदेश को गुमराह करने में लगे हैं, वह कांग्रेस का राजनीतिक चरित्र ही है। कांग्रेस का यह झूठ कभी परवान नहीं चढ़ पाएगा।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के तीन-तीन पूर्व मंत्री टोकन नहीं मिलने की शिकायत कर रहे हैं। यह कांग्रेस का एक और नया झूठ है। हम यह आँकड़ा पेश कर सकते हैं कि धान खरीदी से कितने कांग्रेसी नेता और पूर्व मंत्री लाभान्वित हुए हैं, किन-किन कांग्रेस नेताओं ने कितना-कितना धान बेचा है और उसका कितना भुगतान उनके खातों में जमा हुआ है? शर्मा ने कहा कि यह बेहद आश्चर्य की बात है कि कांग्रेस सरकार के अनेक पूर्व मंत्री तक यह स्वीकार कर रहे हैं कि पहले कुछ दिक्कत थी अब दिक्कत नहीं है। तब कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों की टोकन नहीं मिलने की बात हास्यास्पद और सफेद झूठ साबित हो रही है। इसी प्रकार कांग्रेस सरकार के पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने भी स्वीकार किया है कि पहले सोसाइटी में धान खरीदने के लिए बारदाने के लिए परेशानियां होती थी, लेकिन अब बारदाने सोसाइटियों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। शर्मा ने कहा कि चूँकि अभी त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव सामने हैं, तो अपने वजूद की तलाश के लिए कांग्रेस नेता आंदोलन कर रहे हैं।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि दरअसल पाँच वर्ष में भ्रष्टाचार में लिप्त कांग्रेसियों को धान खरीदी को लेकर प्रलाप करते देखकर प्रदेश को यह साफ समझ आ रहा है कि सिर्फ भ्रम फैलाने के लिए ही कांग्रेस के लोग समितियों के धान खरीदी केंद्रों में घूम रहे हैं। शर्मा ने कहा कि यह एक तथ्य है कि पिछले वर्ष रिकार्ड 147 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी की गई थी और समर्थन मूल्य तथा अंतर की राशि का भुगतान एकमुश्त किसानों के खाते में हस्तांतरित किया गया था। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली प्रदेश की भाजपा सरकार ने इस वर्ष भी 160 लाख मीटरिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है और सरकार पूरा धान खरीदेगी। इस वर्ष भी किसानों को उनका भुगतान और अंतर की राशि सीधे उनके खातों में जमा की जा रही है। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने तो अपने शासनकाल में मिलर्स को उनकी तयशुदा राशि तक नहीं दी थी, जिसका भाजपा सरकार भुगतान कर रही है। राइस मिलर्स की सारी समस्याओं का समाधान करके प्रदेश सरकार ने संवेदनशीलता का परिचय दिया है।