गलवान घाटी में डटी भारतीय सेना तो बौखलाया चीन
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी की स्थिति फिलहाल पूरी तरह साफ नहीं है। मगर इतना कन्फर्म है कि चीनी सैनिकों ने पैंगोंग के करीब 8 किलोमीटर लंबे इलाके पर कब्जा कर रखा है। मई की शुरुआत में यहां कदम रखने वाले चीनियों ने डिफेंस स्ट्रक्चर्स और बंकर तक तैयार कर लिए हैं। झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर 4 से 8 के बीच ऊंचाई वाले इलाकों पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिक मौजूद हैं। जब अन्य इलाकों-गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग्स को लेकर भारत-चीन में बातचीत होती रही, चीन ने यहां पर अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, गलवान घाटी में पेट्रोल पॉइंट 14 के पास वाले इलाके में भारतीय सेना डटी हुई है। इसी जगह पर 15-16 जून की रात दोनों देशों की सेनाओं में हिंसक झड़प हुई थी। घटना के बाद, सेना ने कहा था कि भारत और चीन, दोनों के सैनिक वहां से पीछे हट गए हैं। सूत्र के अनुसार, गलवान में दोनों सेनाएं बहुत हद तक अपनी-अपनी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के भीतर हैं। लेकिन दोनों ही तरफ मिलिट्री इंतजाम मौजूद हैं और सेनाएं (पूरी तरह) पीछे नहीं हटीं हैं।
पहले भी चीन कर चुका है ऐसी हरकतें
1999 में जब भारत का ध्यान करगिल में पाकिस्तान की घुसपैठ पर था, तब चीन ने अपने बेस से लेकर फिंगर 4 तक एक कच्ची सड़क बना ली थी। बाद में इसे पक्का कर दिया गया। एक मिलिट्री ऑफिसर के अनुसार, चीन के सैनिक अक्सर फिंगर 8 और सिरजप की पोस्ट से अपनी पोस्ट से गाड़यिों में बैठकर इस इलाके में पेट्रोलिंग करते थे। लेकिन फिंगर 2 तक दावा करने के बाजवूद उन्होंने इसपर कभी कब्जा नहीं किया था लेकिन अब उन्होंने फिंगर 4-8 के बीच डिफेंस स्ट्रक्चर तैयार कर लिए हैं। वे ऊंचाइयों पर मौजूद हैं।
जवाबी कार्रवाई को तैयार भारत
लद्दाख के गलवान घाटी में सोमवार को भारतीय और चीनी सेना के बीच हुई झड़प के बाद से ही दोनों देशों में तनाव चरम पर है। एक तरफ जहां युद्धाभ्यास की आड़ में चीन ने अपने बड़े हथियारों और सैन्य दस्तों का जमावड़ा सीमा के नजदीक पहले ही कर चुका है, वहीं भारतीय सेना ने भी जवाबी कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह तैयार है। हाल के दिनों में लद्दाख से लगी सीमा पर चीनी फाइटर जेट्स के मूवमेंट में अचानक तेजी देखी गई है। चीन के जे-10, जे-11 जैसे लड़ाकू विमान सीमा के नजदीक उड़ान बर रहे हैं। जिसके बाद भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट मिग-29, सुखोई एसयू 30 एमकेआई और टैंक किलर अपाचे हवा में गश्त लगा रहे हैं।
ट्रंप ने कहा-मुश्किल हालात, दोनों देशों से कर रहे बातचीत
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लद्दाख में चल रहे भारत-चीन तनाव को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि वह इस कठिन परिस्थिति में भारत और चीन से बात कर रहे हैं। इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा था कि चीनी सेना भारतीय सीमा पर तनाव को भड़का रही है। उन्होंने चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी को दुष्टता करने वाली पार्टी करार दिया था। ट्रंप ने कहा, यह बहुत मुश्किल स्थिति है। हम भारत से बात कर रहे हैं, हम चीन से बात कर रहे हैं। उनके बीच वहां बड़ी समस्या हो गई है। उनके बीच झड़प हो रही है। हम देखेंगे कि क्या कर सकते हैं। हम कोशिश करेंगे और उनकी मदद करेंगे। इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि कम्युनिस्ट पार्टी नाटो जैसे संस्थानों के जरिए बनाई गई स्वतंत्र दुनिया को फिर से पुराने ढर्रे पर ले जाना चाहती है। साथ ही नए नियम और मानक बनाना चाहती है जो पेइचिंग को शामिल करता है।
चिनूक और अपाचे हेलिकॉप्टर एलएसी पर तैनात
वायुसेना ने चंडीगढ़ से चिनूक व पठानकोट से अपाचे हेलिकॉप्टर को एलएसी पर तैनात कर दिया है। दोनों हेलिकॉप्टर अब एलएसी एरिया पर ही रूटीन एक्सरसाइज जारी रखेंगे। वेस्टर्न एयर कमान के स्टेशनों पर लड़ाकू विमानों के स्क्वाड्रन बढ़ाए जा रहे हैं। मिग, हरक्यूलिस, मिराज, सुखोई विमान पहले से ही एलएसी पर तैनात हैं। वायुसेना सूत्रों ने बताया कि युद्ध जैसे हालात बनते हैं तो उत्तर भारत के सभी एयरबेस पूरी क्षमता के साथ अपने एक्शन को अंजाम देने लिए तैयार हैं। नॉर्दन और वेस्टर्न कमांड की कई सैन्य यूनिट तैनात की गई हैं। आईटीबीपी ने भी एलएसी पर जवानों की संख्या बढ़ाई है।
2000 जवान और भेजने की तैयारी
गृह मंत्रालय ने आईटीबीपी के करीब 2000 जवानों को अग्रिम मोर्चे पर तैनात करने की तैयारी चालू कर दी है। देश के विभिन्न हिस्सों में तैनात जवानों को बुलाना चालू कर दिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, करीब 20 अतिरिक्त कंपनी सीमा पर तैनात करने की योजना है।