राजनांदगांव। निर्माणी श्रमिक श्रीमती संगीता साहू की बिटिया वंशिका साहू को 10वीं कक्षा में राज्य स्तर पर टॉप 10 के छठवां स्थान प्राप्त करने पर राज्य शासन की ओर से 1 लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि मिला है। आर्थिक रूप में बेहद कमजोर परिवार से संबंध रखने वाली वंशिका को आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए राज्य शासन की मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना मददगार बनी है। वंशिका ने बताया कि वे राजनांदगांव जिले के छुरिया विकासखंड के दूरस्थ वनांचल ग्राम हालेकोसा में निवास करती हैं और शिक्षा भी स्थानीय शासकीय स्कूल में पढ़ाई कर रही है। उन्होंने बताया कि उनकी मां संगीता साहू भवन निर्माण कार्य में मजदूरी का कार्य करती है और उनके पिता श्री तोरनलाल साहू की छोटी सी कपड़े की दुकान है। उनकी मां का छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में श्रमक पंजीयन कार्ड बना हुआ है। वंशिका ने बताया कि उनके माता-पिता मजदूरी करके दोनों भाई-बहन की पढ़ाई करा रहे हैं। वंशिका ने कहा कि प्राप्त राशि से शिक्षा के लिए मदद मिली है और मेरे माता-पिता के होने वाले खर्च का भार भी कम हुआ। माता-पिता के परिश्रम को ध्यान में रखते हुए वंशिका समर्पित भाव से पढ़ाई कर रही है। वंशिका डॉक्टर बनना चाहती हैं, जिसके लिए वह बॉयोलॉजी विषय लेकर पढ़ाई कर रही है। वंशिका ने 10वीं कक्षा में 97.83 प्रतिशत अंक प्राप्त कर राज्य की मेरिट सूची में छठवां स्थान प्राप्त किया है।
वंशिका की मां संगीता ने बताया कि उनकी बेटी पढ़ाई में बहुत अच्छी है। वह शुरू से ही पढ़ाई में बहुत अच्छी थी। वह स्कूल से घर आने पर पढ़ाई में ज्यादा समय देती है। उन्होंने कहा कि उन्हें पता नहीं था कि श्रम विभाग में उनके श्रमिक पंजीयन कराने से उनकी बिटिया के श्रेष्ठ प्रदर्शन से 1 लाख रूपए की मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य शासन से प्राप्त राशि मेरी बिटिया के आगे की शिक्षा और डॉक्टर बनने के सपने के लिए बहुत मददगार होगी। वंशिका और उनकी मां श्रीमती संगीता साहू ने योजना के अंतर्गत उन्हें लाभान्वित करने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को बहुत-बहुत आभार व्यक्त किया।
श्रमिकों के बच्चों को सरकार देती है राशि -
मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के तहत छत्तीसगढ़ भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल की ओर से पंजीकृत निर्माणी श्रमिकों के मेधावी बच्चों की मदद की जाती है। कक्षा 10वीं से लेकर स्नातकोत्तर और व्यवसायिक पाठ्यक्रम में 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक लाने पर 5 हजार रूपए से लेकर 12 हजार 500 रूपए तक की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस योजना के तहत पंजीकृत निर्माणी श्रमिकों के बच्चे, जो छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा में टॉप-10 में स्थान प्राप्त करते हैं, उन्हें एक लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, साथ ही दोपहिया वाहन खरीदने के लिए एक लाख रूपया दिया जाता है।