जबलपुर। समर्थन मूल्य पर धान-गेहूं खरीदी में कथित तौर पर लापरवाही और आर्थिक अनियमितता के आरोपों से घिरे जिला आपूर्ति नियंत्रक एमएनएच खान के निलंबन की कार्रवाई के बाद अब बारी जिला विपणन अधिकारी विवेक तिवारी की है। प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कलेक्टर भरत यादव द्वारा श्री तिवारी के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव संभागायुक्त महेशचंद्र चौधरी को प्रेषित किया गया है। जिससे संकेत मिल रहे हैं कि आपूर्ति नियंत्रक के बाद जिला विपणन अधिकारी पर निकट भविष्य में निलंबन की गाज गिर सकती है। ज्ञात हो कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ भारतीय किसान संघ द्वारा लंबे समय से उपार्जन में अधिकारियों द्वारा बरती जा रही लापरवाही को लेकर आवाज उठाई जा रही थी जिसके बाद हालहीं में आपूर्ति नियंत्रक पर निलंबन की गाज गिरी लेकिन सिर्फ एक अधिकारी के निलंबन से आवाज उठाने वाले लोग खुश नहीं थे।
भारतीय किसान संघ ने की कार्रवाई की मांग
भारतीय किसान संघ के प्रांत संगठन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि महज दो अधिकारियों पर कार्रवाई से इस लापरवाही पर अंकुश नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि शहरी एवं नोडल उपार्जन अधिकारी हर्ष दीक्षित, उपायुक्त सहकारिता विभाग शिवम मिश्रा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ज्ञानेंद्र पाण्डेय, जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम प्रियंका राय और जिला प्रबंधक एमपीएसडब्ल्युसी अतुल सराठे के खिलाफ भी निलंबन की कार्रवाई की जाए।
वापसी के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे कंट्रोलर
जिला प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक मामले में निलंबित कंट्रोलर वापसी के लिए संस्कारधानी से राजधानी ही नहीं ग्वालियर तक एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। बताते हैं मंत्रिमंडल के गठन के बाद वे वापसी के लिए पूरी तरह से आश्वस्त भी बताए जा रहे हैं। इस बात की जानकारी मिलने पर उपार्जन में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ आंदोलन करने वाले प्रदर्शन कारी प्रसन्न नहीं हैं। भारतीय किसान संघ के साथ भाजपा सरकार में पूर्व मंत्री और विधायक रहे हरेंद्र जीत सिंह बब्बू ने दो टूक कहा कि यदि इस मामले में निलंबित अधिकारी की वापसी होती है तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।
संभागायुक्त ने की थी कार्रवाई
ज्ञात हो कि जिले में समर्थन मूल्य पर होने वाली धान और गेहूं खरीदी में लापरवाही बरतने पर संभाग आयुक्त महेशचंद्र चौधरी ने जिला आपूर्ति नियंत्रक एमएनएच खान को निलंबित किया।
यह है मामला
- चरगवां सहकारी समिति में गेहूं खरीदी के दौरान तय मात्रा से ज्यादा गेहूं की तुलाई से पहुंचे किसानों को नुकसान और पल्लेदारी के 30 रुपए की अवैध वसूली की शिकायत मिली थी। इसके बाद दो समितियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी।
- 2 मई 2020 को जनप्रतिनिधियों की बैठक में यह तय कर लिया गया था कि खरीदी का व्यय 30 रुपए पहले किसान वहन करेगा। यह काम भी शासन की नीतियों के विपरीत किया गया।
- जिले में बड़ी मात्रा में खरीदी गई धान में से 20 हजार मीट्रिक टन धान रिजेक्शन में चली गई और उसका भुगतान किसानों को नहीं किया जा सका। जिससे किसानों में आक्रोश व्याप्त हो गया।
- खरीदी केंद्रों का सही तरीके से निरीक्षण नहीं करना, अधिकारियों व कर्मचारियों के बीच समन्वय नहीं बनाना और शासन के नियमों के विपरीत काम करने पर निलंबित किया गया।
डीएमओ के खिलाफ कार्रवाई का भेजा प्रस्ताव
डीएमओ विवेक तिवारी के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा है, जांच के बाद प्रतिवेदन भेजा गया है।
भरत यादव, कलेक्टर