वॉशिंगटन । अमेरिका में नवंबर में होने वाले महत्वपूर्ण मध्यावधि चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी के किंगमेकर और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तूफानी प्रचार के आगे जो बाइडन कमजोर दिख रहे हैं।
राष्ट्रपति बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी के 50 से ज्यादा सीनेटरों और काउंटी नेताओं से बातचीत में सामने आया कि 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में उनकी उम्मीदवारी को पार्टी में ही स्वीकार्यता मिलना मुश्किल है। मई 2022 में बाइडन
की अपनी ही पार्टी में अप्रूवल रेटिंग 9 प्रतिशत
घटकर सिर्फ 73 प्रतिशत
रह गई। इसके बाद पार्टी में नए चेहरे की तलाश शुरू हो गई है।
डेमोक्रेटिक कमेटी के सदस्य स्टीव साइमोनिडीज का कहना है कि मध्यावधि चुनाव के बाद ही बाइडन को 2024 का चुनाव
नहीं लड़ने का ऐलान कर देना चाहिए। बाइडन के ज्यादातर फैसलों पर सवालिया निशान लग रहे हैं। फिर चाहे वहां ज्यादा टैक्स कलेक्शन का मसला हो, कोविड कंट्रोल हो या फिर अफगानिस्तान का मामला हो।
डेमोक्रेटिक कमेटी के कई सदस्यों का ऐसा मानना है कि बाइडन के पास ट्रंप जैसा जुझारूपन नहीं है। अगले राष्ट्रपति के चुनाव में बाइडन 82 साल के हो जाएंगे। बाइडन विरोधियों का कहना है कि इस उम्र में उनके लिए ट्रंप जैसे नेता के मुकाबले भाग-दौड़ करना मुश्किल होगा। वैसे बाइडन अपनी उम्मीदवारी पर आशावादी बयान देते रहे हैं।
टेक्सस रिप्रेजेन्टेटिव जेस्मिन क्रॉकेट युवा अश्वेत चेहरे के रूप में बाइडन को चुनौती दे सकती हैं। वे डेमोक्रेटिक पार्टी में युवाओं की भूमिका को बढ़ाने की पक्षधर हैं। वे कहती हैं युवा जोश से ही ट्रंप को टक्कर दे सकते हैं। वहीं उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को कुछ जानकार बाइडन का उत्तराधिकारी मान रहे हैं, लेकिन उन
पर कोरोना और विदेश यात्रा के दौरान सरकार का सही स्टैंड नहीं बता पाने के आरोप लगते रहे हैं।
कमला का विरोध मिनिसोटा के सीनेटर एमी क्लोबुकर, वेरमोन्ट सीनेटर बर्नी सैंडर्स, एलिजाबेथ वॉरेन और कोरी बुकर कर रहे हैं। ये सभी नेता पिछले चुनाव में बाइडेन से उम्मीदवारी की दौड़ में हार गए थे। ये 2024 में पार्टी की ओर से दावेदारी करने वाले हैं। राष्ट्रपति बनने के शुरुआती 6 महीने यानी मोटे तौर पर पिछले साल जनवरी से अगस्त के बीच बाइडन की यह रेटिंग कभी 50 प्रतिशत से ऊपर नहीं गई। औसत की बात करें, तब अब तक के कार्यकाल में बाइडन की अप्रूवल रेटिंग 45 प्रतिशत और डिस-अप्रूवल रेटिंग 49 प्रतिशत रही है।
अगस्त के बाद तब यह बेहद तेजी से गिरी। इसकी दो मुख्य वजह रहीं। पहली- अफगानिस्तान
से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का जल्दबाजी में लिया गया फैसला और लापरवाही। दूसरी कोविड कंट्रोल और वैक्सीनेशन में तमाम खामियां। अब जबकि, मिड टर्म
इलेक्शन हैं और ट्रंप ताल ठोक रहे हैं, तब बाइडन
को संभलना होगा। नहीं तब सीनेट में बाइडन बहुत कमजोर पड़ जाएंगे और साढ़े तीन साल बाद होने वाले चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी उनके हाथ से जीत छीन लेगी।